हर साल फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को विजया एकादशी का व्रत रखा जाता है। इस व्रत को करने से जातक को हर क्षेत्र में विजय मिलती है और उसे कभी भी हार का सामना नहीं करना पड़ता है। इस साल विजया एकादशी की पावन तिथि 24 फरवरी को थी। बता दें कि एकादशी व्रत में पारण का विशेष महत्व होता है। पारण का अर्थ है व्रत खोलना। किसी भी एकादशी का पारण व्रत के दूसरे दिन सूर्योदय के बाद और द्वादशी तिथि के अंदर किया जाता है। कहते हैं कि द्वादशी तिथि में एकादशी का पारण न करना पाप के समान होता है। तो आइए जानते हैं कि विजया एकादशी का पारण कब किया जाएगा।
विजया एकादशी का पारण 25 फरवरी 2025 को किया जाएगा। पंचांग के अनुसार, विजया एकादशी का पारण करने के लिए शुभ मुहूर्त 25 फरवरी को सुबह 7 बजकर 1 मिनट से सुबह 9 बजकर 21 मिनट तक रहेगा। पारण के दिन द्वादशी तिथि समाप्त दोपहर 12 बजकर 47 मिनट पर होगा। व्रती इसी मुहूर्त में एकादशी का पारण करें।
एकादशी व्रत का पारण शुभ मुहूर्त में ही करें। एकादशी के पारण के दिन भी विष्णु जी की पूजा विधिपूर्वक करें और भोग अर्पित करें। पूजा के बाद ही व्रत खोलें। पारण के दिन कुछ भी अन्न या नमक खाने से पहले तुलसी का सेवन करें उसके बाद ही भोजन ग्रहण करें। वहीं ध्यान रहे कि पारण का भोजन सात्विक हो। एकादशी के दिन लहसुन, प्याज और अन्य तामसिक चीजों का सेवन बिल्कुल भी न करें।
फाल्गुन शुक्ल पक्ष की एकादशी 10 मार्च को मनाई जाएगी। इस एकादशी को आमलकी एकादशी के रूप में जाना जाता है। आमलकी एकादशी महाशिवरात्रि और होली के मध्य में आती है। फाल्गुन शुक्ल पक्ष की एकादशी को रंगभरी एकादशी के रूप में मनाया जाता है।