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Sonebhadra: उप्र उद्योग व्यापार संगठन सोनभद्र का एक प्रतिनिधिमंडल मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ पी०के० राय को समस्या को लेकर माग पत्र सौपा।

जिलाध्यक्ष ने कहा कि डेढ़ लाख से ऊपर होने के बावजूद आबादी नगर में चिकित्सा सुविधा उपलब्ध नहीं हुआ।

सोनभद्र। बैठक में मुख्य रूप से नोडल प्राइवेट हॉस्पिटल डॉक्टर डॉ कीर्ति आजाद बिंद, डिप्टी सीएमओ डॉक्टर सुमन जायसवाल, प्रोग्राम मैनेजर एंबुलेंस सेवा आकाश तिवारी, मेडिकल कॉलेज के डॉक्टर अनुभव मिश्रा उपस्थित रहे। संगठन के जिला अध्यक्ष कौशल शर्मा ने कहा कि सोनभद्र भारत के 112 अति पिछड़ों जिलों में एक है जो नीति आयोग के आकांक्षी जिलों में भी शामिल है जो कई सामाजिक आर्थिक मानकों जैसे स्वास्थ्य शिक्षा एवं अन्य बुनियादी सुविधाओं के क्षेत्र में काफी पिछड़ा है सरकार का उद्देश्य इसे पिछड़ा बताना नहीं बल्कि लक्षित प्रयासों से तेज समावेशी और टिकाऊ विकास सुनिश्चित करना है। उन्होंने कहां कि हमारा जनपद चार राज्यों मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, झारखंड, बिहार से जुड़े होने की वजह से भविष्य में आने वाले दिनों में मेडिकल कॉलेज की सुविधा से इन अन्य राज्यों को भी लाभ मिलेगा लेकिन इसके लिए भागीरथी प्रयास करना होगा। संगठन के जिला अध्यक्ष कौशल शर्मा ने कहा कि नगर की आबादी डेढ़ लाख से ऊपर होने के बावजूद भी नगर में तत्काल चिकित्सा सुविधा उपलब्ध नहीं है नगर से मेडिकल कॉलेज की दूरी 4 किलोमीटर होने के कारण रात में तत्काल चिकित्सीय  सुविधा उपलब्ध नहीं हो पाती खासकर महिलाओं बच्चों बुजुर्गों को काफी दिक्कत का सामना करना पड़ता है अब तो जिला अस्पताल का भी अस्तित्व लगभग खत्म होने वाला है। सिटी अस्पताल की मांग विगत एक दशक से की जा रही है जबकि नगर पालिका का विस्तार होने के बाद आबादी और बढ़ गई है। उन्होंने कहा कि रात्रि में मेडिकल स्टोर सिफ्ट वाइज खोलने की मांग भी काफी दिनों से की जा रही है। उन्होंने कहा कि जनपद में जन औषधि केंद्र शोपीस बन गए हैं यहां जेनेरिक दवाओं का अभाव है अस्पतालों में जाने पर मरीजों को महंगी दवाई लिखे जा रहे हैं जबकि जेनेरिक दवाओं में सक्रिय दवा वही होती है जो ब्रांडेड दबाव में होती है और मूल्य में 50 से 90% तक सस्ती होती है।जिला महामंत्री प्रितपाल सिंह ने कहा कि प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर एक्सपायरी दवा होने का मामला प्रकाश में आया है यदि किसी प्राथमिक अथवा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर एक्सपायरी दवाएं हो तो उसे तत्काल हटाया जाए। नगर अध्यक्ष प्रसाद जैन ने कहा कि जहां तक मेरी जानकारी है स्वास्थ्य विभाग में 38 लैब पंजीकृत हैं सिर्फ जिला मुख्यालय पर ही 15 से अधिक लैब चलाएं जा रहे हैं इसके अलावा अनपरा में 8 चोपन में 5 घोरावल में 9 में और म्पोरपुर 5 दुद्धि में 7 रामगढ़ में 4 केंद्र संचालित हैं लेकिन जनपद में 100 से भी ज्यादा  पैथोलॉजी केंद्र संचालित हो रहे हैं जो मानकों को दरकिनार कर संदेहास्पद रिपोर्ट दे रहे हैं। इसी तरह जिले में 70 निजी अस्पताल एवं 36 क्लीनिक का पंजीयन है इससे इतर दुगने से भी ज्यादा अस्पताल एवं क्लीनिक का संचालन हो रहा है जो नेशनल मेडिकल कमीशन द्वारा निर्धारित मापदडों का पालन नहीं करते न ही इनके पास आईसीयू वार्ड है, न ही सिटी स्कैन, न हीं अल्ट्रासाउंड, न ही एमबीबीएस डॉक्टर, न ही सर्जन, न ही एनेस्थेटिस्ट, न ही गाइनेकोलॉजिस्ट न हीं ऑपरेशन थिएटर, न ही लेबर रूम, न ही बायो केमिकल वेस्ट प्रबंधन, न ही फायर सेफ्टी, न ही ईसीजी, परिणाम स्वरुप मौत, हंगामा, अस्पताल सील और फिर फाइल बंद उन्होंने उपरोक्त के संबंध में कई उदाहरण भी पेश किया । जिला उपाध्यक्ष नागेंद्र मोदनवाल, नगर मंत्री अभिषेक गुप्ता ने कहा कि मेडिकल कॉलेज से संबद्ध जिला चिकित्सालय में डिजिटल एक्सरे मशीन को शीघ्र संचालित किया जाए जिससे मरीजों को बाहर पैसा देकर डिजिटल एक्स-रे ना करना पड़े। नगर कोषाध्यक्ष सिद्धार्थ सांवरिया, जिला उपाध्यक्ष नागेंद्र मोदनवाल एवं नगर मंत्री प्रतीक केसरी ने कहा कि जिन एम्बुलेंसों में मानक के अनुरूप व्यवस्था नहीं है उन्हें तत्काल बंद कराया जाए एवं एम्बुलेंसों का रेट कितने किलोमीटर पर कितना किराया देय है इसे भी निर्धारित किया जाए ज्यादातर एंबुलेंस में मानक के अनुरूप कोई व्यवस्था नहीं  है। बैठक में मुख्य रूप से कौशल शर्मा, प्रितपाल सिंह, प्रशांत जैन, प्रतीक केसरी, सिद्धार्थ सांवरिया, नागेंद्र मोदनवाल, अभिषेक गुप्ता, अमित अग्रवाल, आदि लोगों उपस्थित रहे।

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