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बलियाः जेएनसीयू में हर्षोल्लास के साथ मनाया गया स्थापना दिवस


बलिया। जननायक चन्द्रशेखर विश्वविद्यालय के 10वें स्थापना दिवस के अवसर पर आयोजित द्विदिवसीय कार्यक्रम के अंतर्गत दूसरे दिन सोमवार को प्रातः प्रथम सत्र में भारतीय ज्ञान परंपरा एवं नवाचार विषयक संगोष्ठी का आयोजन किया गया। विश्वविद्यालय की कुलाधिपति एवं उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने अपने संदेश में कहा कि यह विश्वविद्यालय अपने क्षेत्र में शिक्षा एवं अनुसंधान की दिशा में उल्लेखनीय कार्य कर रहा है। यहाँ के विद्यार्थी प्रदेश एवं राष्ट्रीय स्तर पर अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन कर रहे हैं। 

कहा कि विश्वविद्यालय को समाज और अकादमिक जगत के बीच की कड़ी के रूप में कार्य करना चाहिए ताकि प्रदेश, राष्ट्र एवं समाज का विकास हो सके।  मुख्य अतिथि प्रो. संजीव कुमार, कुलपति, महाराजा सुहेल देव विश्वविद्यालय, आजमगढ़ ने अपने उद्बोधन में कहा कि भारत की ज्ञान परंपरा अति समृद्ध रही है। बीजगणित, अंकगणित, त्रिकोणमिति, खगोलशास्त्र आदि विषयों में भारतीय ऋषियों ने जो सिद्धांत दिए, वे यूरोप द्वारा 15वीं- 16वीं सदी में दिए गए। कहा कि यूरोप ने भारतीय ग्रंथों का अनुवाद किया और उसका श्रेय ले लिया। विशिष्ट अतिथि प्रो. कमल कुमार श्रीवास्तव, सेवानिवृत्त आचार्य, डीएस कालेज मेरठ ने कहा कि नीम में मौजूद विभिन्न रासायनिक पदार्थो के गुणों को हम प्रयोगशाला में देखते हैं। भारतीय परंपरा में यह लोक में मौजूद है। हमें इन सबका साक्ष्य एकत्र करना होगा। अध्यक्षीय उद्बोधन देते हुए कुलपति प्रो. संजीत कुमार गुप्ता ने कहा कि भारतीय ज्ञान परंपरा हमारे ऋषियों की अमूल्य धरोहर है। 

हमें इस परम्परा का अध्ययन और संरक्षण करना चाहिए। इस अवसर पर जेएनसीयू और महाराजा सुहेल देव विश्वविद्यालय, आजमगढ़ के मध्य समझौता ज्ञाप (एमओयू) पर भी हड़ताक्षर हुए। दोनों विवि मिलकर शोध, अनुसंधान एवं नवाचार के क्षेत्र में मिलकर कार्य करेंगे। विद्यार्थी एवं संकाय सदस्यों का परस्पर आदान- प्रदान किया जायेगा ताकि विशेषज्ञता का लाभ सबको मिल सके। 

कार्यक्रम में स्वागत डॉ. अजय कुमार चैबे, संचालन डॉ. प्रमोद शंकर पाण्डेय एवं धन्यवाद ज्ञापन कुलसचिव एस एल पाल ने किया। अपराह्न द्वितीय सत्र में व्यंजन मेला का आयोजन किया गया। छात्राओं ने आँवले के, श्री अन्न के विविध व्यंजनों के 56 स्टाल लगाये और स्वाद से सेहत का सन्देश दिया। डॉ. रंजना मल्ल, एसिस्टेंट प्रोफेसर, गृह विज्ञान विभाग ने इस कार्यक्रम का समन्वय किया।

संध्या वेला में दीपोत्सव का आयोजन किया गया।विश्वविद्यालय परिसर को 5100 दीपों से सजाया गया। प्रशासनिक भवन, परीक्षा भवन, अकादमिक भवन, कुलपति निवास आदि सभी भवनों के साथ मुख्य द्वार एवं सभी मार्गों को दीपमालिका से सजाया गया। समन्वयक डॉ. प्रवीण नाथ यादव रहे। इस अवसर पर वित्त अधिकारी आनंद दुबे, सहायक कुलसचिव जितेन्द्र नाथ मिश्र, शैक्षणिक निदेशक डॉ. पुष्पा मिश्रा, कुलानुशासक डॉ. प्रियंका सिंह, डीएसडब्लू डॉ. अजय चैबे, डॉ. विनीत सिंह, डॉ अनुराधा राय,डॉ संजीव कुमार, डॉ संदीप यादव, डॉ अभिषेक मिश्रा, डॉ रूबी, डॉ छबि लाल आदि परिसर एवं महाविद्यालयों के प्राध्यापक, प्रबंधक, प्राचार्य, विवि के विद्यार्थी एवं कर्मचारी उपस्थित रहे।

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