सोनभद्र। पुलिस अधीक्षक, अभिषेक वर्मा द्वारा साइबर अपराधियों के विरुद्ध चलाए जा रहे विशेष अभियान के अन्तर्गत तथा अपर पुलिस अधीक्षक (मुख्यालय) अनिल कुमार के दिशा-निर्देशन एवं क्षेत्राधिकारी साइबर के पर्यवेक्षण में साइबर क्राइम पुलिस थाना, सोनभद्र द्वारा एक बड़े साइबर फ्रॉड प्रकरण का सफल अनावरण किया गया है ।आवेदक अभिषेक कुमार सिंह पुत्र मोहर सिंह, निवासी ग्राम ओदार, पोस्ट मुडिलाडीह, थाना घोरावल, जनपद सोनभद्र के साथ किसी अज्ञात व्यक्ति द्वारा शादी के इन्विटेशन कार्ड के नाम पर APK फाइल भेजकर उनका खाता हैक किया गया तथा ₹90,000/- की साइबर ठगी की गई इस सम्बन्ध में साइबर क्राइम पुलिस थाना, सोनभद्र पर मु0अ0सं0 18/2025, धारा 318(4) बीएनएस व 66-D आईटी एक्ट के अन्तर्गत अभियोग पंजीकृत किया गया। पुलिस अधीक्षक के निर्देश पर तथा नोडल अपर पुलिस अधीक्षक मुख्यालय एवं क्षेत्राधिकारी साइबर के पर्यवेक्षण में की गई विवेचना के दौरान यह तथ्य प्रकाश में आया कि फ्राड की गई धनराशि महेन्द्र सिंह के कॉमन सर्विस सेंटर (CSC) के वैलेट में ट्रांसफर की गई थी। जांच में पाया गया कि सीएससी संचालक के अनुपस्थित रहने पर अभियुक्त अरुण कुमार एवं सतीश कुमार द्वारा यूजर आईडी व पासवर्ड का दुरुपयोग करते हुए अपने साथी शुभम जायरो (निवासी कलकत्ता) के माध्यम से साइबर फ्राड की धनराशि मंगाई गई ।जांच में यह भी सामने आया कि उक्त वैलेट में कुल ₹11,40,000/- की साइबर फ्राड की गई धनराशि मंगाई गई थी, जिसमें से अभियुक्तों की निशानदेही पर ₹08,40,000/- की धनराशि बरामद की गई है। आईडी ब्लॉक किए जाने की सूचना के बावजूद धन निकासी होने के कारण जिला समन्वयक (District Coordinator) की भूमिका भी संदिग्ध पाई गई है। विवेचना उपरांत अभियोग में धारा 317(2), 317(5) बीएनएस की बढ़ोत्तरी की गई। उक्त प्रकरण में अभियुक्तगण अरुण कुमार एवं सतीश कुमार को हिरासत पुलिस ने लिया गया। गिरफ्तार अभियुक्त सतीश कुमार साइबर हैकर गिरोह से जुड़ा हुआ पाया गया, जिसके माध्यम से सीएससी में साइबर फ्राड का पैसा मंगाया जाता था। गिरफ्तार अभियुक्तों में अरुण कुमार डाक विभाग में संविदा पर कार्यरत हैं, जबकि सतीश कुमार CSC संचालक है।
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