तिलोईः एसपीएन इंटर कॉलेज में मनाई गई भारत रत्न अटल जी की जयंती! शिक्षकों ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी के व्यक्तित्व और कृतित्व पर व्यक्त किए अपने विचार
December 25, 2025
तिलोई/अमेठी। ब्लाक क्षेत्र तिलोई अंतर्गत सुभाष पशुपतिनाथ इंटर कॉलेज में भारत रत्नएपूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी की 101वीं जयंती मनाई गई।कार्यक्रम का आयोजन तिलोई मंडल अध्यक्ष पंकज अवस्थी के नेतृत्व में सम्पन्न हुआ जहां विद्यालय के शिक्षकों एवं गणमान्य नागरिकों ने पूर्व प्रधानमंत्री के चित्र पर पुष्पांजलि कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की।इस अवसर पर प्रधानाध्यापक प्रेम कुमार मिश्रा ने अपने संबोधन में कहा कि अटल बिहारी बाजपेयी की जयंती 25 दिसंबर को मनाई जाती है।यह तिथि महज एक राजनेता का जन्मदिन दिवस नहीं अपितु भारतीय लोकतंत्र की उस परंपरा का उत्सव है जिसमें विचारों की गरिमा शब्दों की मर्यादा और राष्ट्रहित सर्वोपरि है। अटल जी राजनीति के शोर में भी संयत स्पष्ट और दूरदर्शी रहे हैं।वे देश के उन नेताओं में से थे जिनका व्यक्तित्व सत्ता से बड़ा और विचार दलों से ऊपर था। तिलोई मंडल अध्यक्ष पंकज अवस्थी ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि अटल जी एक कुशल वक्ता के रूप में उनकी भाषा में कटुता नहीं बल्कि तर्क संवेदना एवं आत्म विश्वास झलकता था।संसद हो या फिर जनसभा उनकी वाणी विरोधियों को भी उन्हें सुनने को विवश कर देती थी। शिक्षक एचपी वर्मा ने अटल जी के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर अपने विचार व्यक्त किए और कहा कि अटल जी य25 दिसम्बर 1924 16 अगस्त 2018 भारत के दसवें प्रधानमन्त्री थे।वह देश के तीन बार प्रधानमंत्री रहे।अटल जी पहले 13 दिन के लिए 16 मई 1996 से 1 जून 1996 तक। फिर लगातार 2 साशनय 8 महीने के लिए 19 मार्च 1998 से 13 अक्टूबर 1999 और फिर वापस 13 अक्टूबर 1999 से 22 मई 2004 तक भारत के प्रधानमन्त्री रहे।वे हिन्दी कविए पत्रकार के साथ साथ एक प्रखर वक्ता भी थे।अटल जी भारतीय जनसंघ के संस्थापकों में एक थे। 1968 से 1973 तक उसके अध्यक्ष भी रहे। उन्होंने लम्बे समय तक राष्ट्रधर्मए पाञ्चजन्य यपत्रद्ध और वीर अर्जुन आदि राष्ट्रीय भावना से ओत.प्रोत अनेक पत्र और पत्रिकाओं का सम्पादन भी किया है।इस अवसर पर विद्यालय के प्रधानाध्यापक प्रेमकुमार मिश्रा हनुमान प्रसाद वर्मा भानु मित्र अवस्थी आशीष वर्मा अशोक रावत समेत समस्त विद्यालय स्टाप और गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे।
