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पीलीभीतः मनरेगा कानून निरस्त करने के विरोध में कांग्रेस का प्रदर्शन! कलेक्ट्रेट परिसर में धरना, राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन सौंपा


पीलीभीत। केंद्र की भाजपा सरकार द्वारा महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) को निरस्त करने के विरोध में सोमवार को जिला कांग्रेस और शहर कांग्रेस के संयुक्त नेतृत्व में जोरदार प्रदर्शन किया गया। कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने कलेक्ट्रेट परिसर में एकत्र होकर जुलूस निकाला और जिलाधिकारी कार्यालय पहुंचकर गांधी प्रतिमा के समक्ष धरना दिया। इसके बाद महामहिम राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन सिटी मजिस्ट्रेट विजयवर्धन सिंह को सौंपा गया।

प्रदर्शन के दौरान कांग्रेस कार्यकर्ता हाथों में महात्मा गांधी के चित्र लिए हुए थे और “मनरेगा कानून निरस्त करो”, “गांधी जी का अपमान नहीं सहेगा हिंदुस्तान” जैसे नारे लगाकर केंद्र सरकार के खिलाफ आक्रोश जताया। कार्यक्रम का नेतृत्व जिला अध्यक्ष हरप्रीत सिंह चब्बा और शहर अध्यक्ष श्रीकृष्ण गंगवार ने किया।

धरना स्थल पर जिला अध्यक्ष हरप्रीत सिंह चब्बा ने कहा कि भाजपा की केंद्र सरकार महात्मा गांधी से इतनी नफरत करती है कि वह उनके नाम को योजनाओं से मिटाने पर तुली हुई है। मनरेगा जैसे जनकल्याणकारी कानून को कमजोर करना सीधे तौर पर गांधी जी के मूल्यों का अपमान है। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि मनरेगा कानून को खत्म करने की कोशिश वापस नहीं ली गई तो कांग्रेस पार्टी देशभर में मजदूरों और ग्रामीणों को साथ लेकर व्यापक आंदोलन करेगी।

शहर अध्यक्ष श्रीकृष्ण गंगवार ने कहा कि भाजपा सरकार की सोच शुरू से ही गांधी विरोधी रही है। गोडसे को पूजने वाली ताकतें कभी गांधी के विचारों की अनुयायी नहीं हो सकतीं। योजनाओं से गांधी जी का नाम हटाना उसी मानसिकता को दर्शाता है।

राष्ट्रपति को सौंपे गए ज्ञापन में कांग्रेस ने कहा कि मनरेगा विधेयक को निरस्त कर नया कानून लाना अत्यंत चिंताजनक और सुनियोजित कदम है। यह एक अधिकार आधारित ऐतिहासिक कानून को कमजोर करने और राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के नाम व मूल्यों को मिटाने का प्रयास है। मनरेगा जन आंदोलन से निकला कानून है, जिसने ग्रामीण भारत को 100 दिन के रोजगार की कानूनी गारंटी दी, महिलाओं और भूमिहीनों को सशक्त बनाया और श्रम की गरिमा को स्थापित किया।

कांग्रेस ने आरोप लगाया कि नया कानून रोजगार के अधिकार को समाप्त करता है और इसे केंद्र नियंत्रित योजना में बदल देता है, जिसमें न तो रोजगार की गारंटी है और न ही जरूरत के समय काम मिलने का भरोसा। इससे संघीय ढांचा कमजोर होगा और राज्यों पर वित्तीय बोझ बढ़ेगा। कार्यक्रम में वासुदेव ठाकुर, मुनेंद्र सक्सेना, छात्र संघ अध्यक्ष राजेश वर्मा, युसूफ मलिक, जाहिद खान, अभिनव गुप्ता, कमल कुमार गौड़, ज्ञानेंद्र गौतम, हरीश मौर्य, दानिश हसन, प्रवक्ता हेमंत मिश्र एडवोकेट, लेखराज राठौर, संदीप गंगवार, समीर अंसारी, रिजवान मियां, प्रदीप कुमार, इरफान, उर्मिला देवी, अनीता देवी, सुमित्रा देवी सहित बड़ी संख्या में कांग्रेसी कार्यकर्ता मौजूद रहें।

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