पीलीभीत। प्रदेश सरकार द्वारा सिंचाई संसाधनों के विस्तार और सुदृढ़ीकरण से किसानों की फसल उत्पादन क्षमता में लगातार बढ़ोत्तरी हो रही है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में सरकार किसानों की आय दोगुनी करने के लक्ष्य के साथ विभिन्न योजनाओं और परियोजनाओं को प्राथमिकता के साथ संचालित कर रही है। किसानों को सिंचाई से संबंधित किसी भी प्रकार की दिक्कत न हो, इसके लिए सरकार लगातार नई परियोजनाएं पूरी कर रही है तथा पुराने संसाधनों का भी सुदृढ़ीकरण किया जा रहा है।
प्रदेश का कुल भौगोलिक क्षेत्रफल 241.17 लाख हेक्टेयर है, जिसमें से 188.40 लाख हेक्टेयर कृषि योग्य भूमि है। हर वर्ष रबी, खरीफ और जायद सत्र में लगभग 268 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में खेती की जाती है। किसानों को सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराने के लिए प्रदेश में 76,527 किलोमीटर लंबी नहर प्रणाली विकसित है, साथ ही प्रदेश में कुल 71 बांध और 36,094 राजकीय नलकूप संचालित किए जा रहे हैं।
पिछले वर्षों में सरकार ने सिंचाई परियोजनाओं को तेजी से आगे बढ़ाया है। वर्ष 2017 से 2022 के बीच 19,700 करोड़ रुपये की लागत से 270 परियोजनाएं पूरी की गईं, जिनसे 31.60 लाख हेक्टेयर सिंचन क्षमता बढ़ी और करीब 73 लाख किसान लाभान्वित हुए। वर्ष 2022-23 में 199 सिंचाई परियोजनाएं पूरी कर 9.64 लाख हेक्टेयर सिंचन क्षमता सृजित की गई, जिससे लगभग 29 लाख किसानों को लाभ मिला। इसी तरह वर्ष 2023-24 में 266 परियोजनाएं पूरी की गईं, जिनसे 3.30 लाख हेक्टेयर सिंचन क्षमता बढ़ी और 49.96 लाख किसान लाभान्वित हुए।
वर्ष 2024-25 में भी 394 सिंचाई परियोजनाएं पूरी की गईं, जिन पर 1,549 करोड़ रुपये खर्च किए गए। इनके माध्यम से 5.63 लाख हेक्टेयर अतिरिक्त सिंचन क्षमता विकसित हुई, जिससे 63.96 लाख किसान लाभान्वित हुए। वर्तमान सरकार अब तक कुल 1129 परियोजनाएं पूरी कर चुकी है, जिनसे 50.17 लाख हेक्टेयर सिंचन क्षमता बढ़ी और 217 लाख किसानों को सिंचाई सुविधा मिली है।
नहरों की सिल्ट सफाई पर भी विशेष ध्यान दिया गया है, ताकि पानी अंतिम सिरे तक सुचारु रूप से पहुंच सके। वर्ष 2022-23 से लेकर 2025-26 तक खरीफ और रबी के विभिन्न सीजन में हजारों किलोमीटर लंबाई में सिल्ट सफाई कराई गई, जिससे किसानों के खेतों तक पानी की उपलब्धता में बड़ा सुधार हुआ। इसी तरह टेल फीडिंग व्यवस्था को बेहतर बनाते हुए हर वर्ष नहरों के अंतिम छोर तक पानी पहुंचाने के लिए 10 हजार से अधिक टेलों को नियमित रूप से जल आपूर्ति दी गई।
प्रदेश की बड़ी नहर प्रणालियोंकृऊपरी गंगा नहर, मध्यगंगा नहर, आगरा नहर, पूर्वी यमुना नहर, शारदा नहर, सरयू नहर, गंडक नहर, नारायणी नहर व बेतवा नहरकृके माध्यम से भी सिंचाई व्यवस्था को सुदृढ़ किया गया है। इन नहरों के जरिए वर्ष 2022-23 में 101.41 लाख हेक्टेयर, वर्ष 2023-24 में 102.74 लाख हेक्टेयर तथा 2024-25 में 104.75 लाख हेक्टेयर कृषि भूमि की सिंचाई कराई गई। चालू वित्तीय वर्ष 2025-26 में खरीफ के दौरान अब तक 29.35 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई की जा चुकी है।
इसके अलावा नहरों और नलकूपों की मदद से 24,121 तालाबों व पोखरों को भी भरा गया है, जिनसे किसान सिंचाई कर रहे हैं। सरकार का दावा है कि इन प्रयासों से प्रदेश में कृषि उत्पादन लगातार बढ़ रहा है और किसान पहले की अपेक्षा अधिक लाभ अर्जित कर रहे हैं।
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