लखनऊ। लखनऊ जिले के बख्शी का तालाब (बीकेटी) ब्लाक क्षेत्र के अंतर्गत ग्राम पंचायत भगौतीपुर के पशु आश्रय केन्द्र में हरा चारा जो भेजा जा रहा है उसमें कीड़े निकल रहे हैं। आश्रय केन्द्र पर काम करने वाले गोवंश पालकों ने जब बोरा खोला तो उसमें जो हरा चारा था उसमें कई कीड़े पड़े बजबजाते दिखाई दिए, जो मवेशियों की जान के दुश्मन साबित हो रहे हैं। वहीं प्रधान प्रतिनिधि माता प्रसाद ने बताया कि हरा चारा जिस कंपनी का टेंडर है वहां से भेजा जाता है। गौशाला आश्रय केन्द्र में 241 मवेशियों का हरा चारा भेजा जाता है, जिसमें कीड़े निकलते हैं। मवेशियों को जो खिलाया जाता है, तो उनकी जान का खतरा बना रहता है। कीड़ा युक्त हरा चारा खाकर गौवंश बीमार हो जाते हैं, जो हानिकारक सिद्ध हो रहा है। इसके अलावा उन्होंने बताया कि पशु आहार भेजा जाता है,लेकिन चूनी चोकर नहीं भेजा जाता है हरा चारा में कीड़े निकालने की जानकारी को लेकर गई ग्राम प्रधानों की शिकायत हैं,लेकिन दबी जुबान से अधिकारियों को शिकायत करने में डर रहे हैं,लेकिन यही रवैया रहा तो और इस पर रोक-टोक नहीं लगाई गई तो मवेशियों की जान जोखिम में पड़ सकती है। यदि अधिकारियों द्वारा निरीक्षण किया जाए तो हकीकत अपने आप सामने आ जायेंगी। वहीं सूत्रों की माने तो मोटी कमीशन के चक्कर में चारा टेंडर द्वारा भेजा जा रहा हैं, लेकिन
जिम्मेदार जिले के अधिकारी जांच नहीं कर रहे हैं। वहीं स्थानीय गौशालाओं में गौ सेवकों का कहना कि टेंडर द्वारा पैकेट वाले चारे में कीड़े पड़े होते हैं,जिससे कि गोवंश बीमार पड़ रहे हैं और जहां 10 पैकेट मंगाया जाता है वहां पर टेंडर के ठेकेदार 20 पैकेट डाल देते हैं और कहते हैं इसको निपटा दो। वहीं ग्राम प्रधान प्रतिनिधि का कहना है कि चोकर चुनीं के नाम पर गौशाला में पशु आहार दे दिया गया और चोकर नहीं दिया गया जिससे कि गौवंश चारा खाने में दिक्कत करते हैं। गौशाला में ठंड से बचाव के उपाय व्यापक पैमाने पर नहीं है जिससे भीषण ठंड में मवेशियों की हालत दयनीय है। वहीं मुख्यचिकित्सा अधिकारी के उदासीनता के चलते गौशाला में साइलेश टेंडर के नाम पर सप्लाई किया जा रहा है, जिसमें कीड़े निकल रहे हैं। वही गौ सेवक ने बताया कि इसी कीड़े का चारा खाकर पिछले 3 महीने पहले कई गौवंशो की मौत हुई थी,लेकिन जिम्मेदार अधिकारी इस मामले को दबा रखा है और कीड़े का चारा खाकर गौवंश खाने पर मजबूर है। लेकिन संबंधित अधिकारियों ने जांच ठंडे बस्ते में डाल कर मामला रफा-दफा कर दिया।
