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प्रतापगढः पूज्य करपात्री जी का प्रण भारत को पुनः विश्व गुरु की संकल्पना साकार करेगा- ओम प्रकाश विभाग प्रचारक


लालगंज/प्रतापगढ़। हिंदू समाज आयोजन समिति द्वारा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के शताब्दी वर्ष के अवसर पर धर्म सम्राट स्वामी कृपा भारती जी महाराज की पावन जन्मभूमि भटनी में विशाल हिंदू सम्मेलन का आयोजन किया गया। सम्मेलन में अपने विचार व्यक्त करते हुए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रतापगढ़ के विभाग प्रचारक ओमप्रकाश ने कहा कि हिन्दू मानवता और संस्कृति का संरक्षण करता है। पूज्य करपात्री जी ने अपने त्याग तप के द्वारा समाज को जागृत करते हुए धर्म को और सुदृढ़ करने का कार्य किया। स्वामी करपात्री जी ने धर्म की जय हो, अधर्म का नाश हो, प्राणियों में सद्भावना हो, विश्व का कल्याण हो जैसा कल्याणकारी उद्घोष सम्पूर्ण विश्व कल्याण के लिए दिया। पूज्य करपात्री जी का स्वप्न भारत को विश्व गुरु के रूप में स्थापित करने के साथ ही हिंदुत्व को सशक्त करने का था। हिंदू और हिन्दुत्व की सनातन अवधारणा ही पूरे विश्व के शांति और सद्भावना हेतु कल्याणकारी है। पूज्य करपात्री जी का प्रण भारत को पुनः विश्व गुरु के रूप में स्थापित करने की संकल्पना को साकार करेगा। विभाग प्रचारक ओमप्रकाश ने कहा कि संगठित शक्ति के आधार पर ही यह उद्देश्य पूर्ण होगा। संघ का शताब्दी वर्ष संकल्प का वर्ष है। विभाग प्रचारक ओमप्रकाश ने कहा धर्मांतरण, लव जेहाद, आतंकवाद आदि को संगठित होकर परास्त किया जा सकता है। बांग्लादेश और अन्य पड़ोसी देश में हिंदू की जाति नहीं धर्म देखकर समाप्त किया जा रहा है। पहलगाम में जाति नहीं धर्म पूछकर निर्दोष लोगों की आतंकियों ने हत्या की। आज भेदभाव को दूर करके, सामाजिक समरसता को सुदृढ करते हुए सम्पूर्ण  हिन्दू समाज को संगठित होने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा की जिस तरह बांग्लादेश में हिंदुओं की नृशंस हत्या की जा रही है वह हिंदू समाज के लिए चुनौती है, समय रोने का नहीं प्रतिकार का है। वहीं ओमप्रकाश ने कहा कि आज भारत को परमाणु संपन्न बनाने वाले भारत रत्न पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी जी की जयंती है। उन्होंने अपनी दूरदृष्टि और कुशल नेतृत्व के आधार पर भारत की राजनीति को नई दिशा दी और राष्ट्रवादी विचारधारा को सत्ता में स्थापित किया। वे कवि हृदय थे ।अपने हृदय में अंतर्निहित भावों को लिखते समय हिंदू तन मन, हिंदू जीवन, रग रग हिंदू मेरा परिचय जैसी कालजयी रचना लिखी। आज ही शिक्षा के क्षेत्र में युगांतरकारी कार्य करने वाले मदनमोहन मालवीय जी की जयंती है। उन्होंने काशी हिंदू विश्वविद्यालय की स्थापना करके शिक्षा के क्षेत्र में भारत की गौरवशाली परंपरा को वैश्विक पटल पर पुनः स्थापित किया। विभाग प्रचारक ओम प्रकाश ने कहा कि यह सप्ताह पूज्य गुरु गोविंद सिंह जी के संपूर्ण परिवार के धर्म की रक्षा हेतु बलिदान का समय है। गुरु गोविन्द सिंह जी के चारों पुत्रों और माता गुजरी ने धर्म की स्थापना और रक्षा लिए बलिदान होना स्वीकार किया किंतु धर्म परिवर्तन नहीं किया। आज आवश्यकता है ऐसे वीर बलिदानियों, महापुरुषों से प्रेरणा लेकर संगठित हों और राष्ट्र और धर्म विरोधी शक्तियों का पूरी ताकत से प्रतिकार करते हुए पूज्य करपात्री जी के प्रण को साकार करते हुए भारत को विश्व गुरु के रूप में प्रतिष्ठापित करने में अपनी भूमिका और कर्तव्य का पालन करें। प्रारम्भ में पूज्य स्वामी करपात्री जी महाराज जी और भारत माता के चित्र पर अतिथियों ने पुष्पार्चन किया। अंत में भारत माता की आरती और भारत माता के जयघोष के साथ हिंदू सम्मेलन संपन्न हुआ। मुख्य अतिथि रघुवर दयाल व विशिष्ट अथिति मनोज ब्रम्हचारी ने भी अपने अपने विचार व्यक्त किये। कार्यक्रम की अध्यक्षता गोकर्ण ओझा और संचालन ओम प्रकाश पाण्डेय ने किया। आभार शिवराम ओझा ने किया। कार्यक्रम का संयोजन देवेंद्र मिश्र गट्टे ने किया। इस मौके पर साध्वी विभा, प्रधानाचार्य सुरेश कुमार सिंह, विभाग बौद्धिक शिक्षण प्रमुख डॉ सौरभ पाण्डेय, पूर्व जिलाध्यक्ष हरिओम मिश्र, नागेश प्रताप सिंह, पूर्व सांसद प्रतिनिधि विनोद मिश्र बबलू, विवेक उपाध्याय, राम बाबू मिश्र, अनिल शुक्ल, जिला कार्यवाहिका प्रिया त्रिपाठी, सूरज तिवारी आदि मौजूद रहे।

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