लखनऊ। जनपद में 21 नवम्बर से चार दिसम्बर तक पुरुष नसबंदी पखवारा चल रहा है द्य इसी क्रम में मंगलवार को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र(सीएचसी) एन.के.रोड, चिनहट तथा मलिहाबाद सीएचसी क्षेत्र के एक-एक पुरुषों ने नसबंदी की सेवा को अपनाया द्य इसके साथ ही सीएचसी सिल्वर जुबली पर 3 महिलाओं, एन.के.रोड पर 12 महिलाओं तथा सरोजिनी नगर सीएचसी पर 21 महिलाओं ने नसबंदी की सेवा को अपनाया है द्य यह जानकारी मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. एन.बी.सिंह ने दी द्य मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि रोस्टर के अनुसार जनपद की सभी सीएचसी पर दिनवार नियत सेवा दिवस आयोजित कर नसबंदी की सेवायें विशेषज्ञ चिकित्सकों द्वारा दी जा रही हैं द्य 21 नवम्बर से चार दिसम्बर तक चलने वाले पुरुष नसबंदी पखवारे की थीम है दृ “स्वस्थ एवं खुशहाल परिवार,पुरुष सहभागिता से ही होगा यह सपना साकार द्य यह थीम परिवार नियोजन में पुरुष सहभागिता पर आधारित है द्य परिवार महिला और पुरुष मिलकर बनाते हैं इसलिए हर जिम्मेदारी दोनों को मिलकर निभानी चाहिए चाहे वह परिवार नियोजन ही क्यों न हो द्य आंकड़े बताते हैं कि परिवार को नियोजित रखने की जिम्मदारी महिला ही उठाती हैं जबकि पुरुषों की भी भागीदारी बराबर की होनी चाहिए द्य इसलिए इस अभियान के माध्यम से पुरुषों को इसके बारे में जागरूक किया ज जा रहा है और नसबंदी की सेवा अपनाने के लिए प्रेरित किया जा रहा है।
पुरुष नसबंदी, नॉन स्केल्प्टेल वेस्क्टोमी(एनएसवी) विधि द्वारा की जाती है जो कि पूरी तरह से सुरक्षित है द्य इसमें में कोई चीरा कांटा लगाये प्रशिक्षित सर्जन द्वारा 10 मिनट का एक सरल ऑपरेशन किया जाता है द्य ऑपरेशन के दो दिन बाद व्यक्ति सामान्य काम तथा एक सप्ताह के बाद भारी काम कर सकता है द्य नसबंदी की सेवा अपनाने के बाद न तो पुरुषों में कमजोरी आती है और न ही पुरुषों की यौन क्षमता प्रभावित होती है द्य व्यक्ति वैवाहिक सुख का पूरा आनंद लेता है द्य नसबंदी अपनाने के तीन माह बाद ही यह प्रभावशाली होती है क्योंकि शुक्राणुवाहिनी में पहले से मौजूद शुक्राणुओं को वीर्य के साथ बाहर निकलने में तीन माह का समय लगता है द्य नसबंदी की सेवा अपनाने वाले पुरुष को 3000 रुपये तथा प्रेरक को प्रति लाभार्थी 400 रूपये मिलते हैं द्य पुरुष नसबंदी, महिला नसबंदी की अपेक्षा काफी आसान है।
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