पीलीभीत। नगर पालिका परिषद पीलीभीत के सभासदों ने अधिशासी अधिकारी (ईओ) द्वारा बोर्ड बैठक के दौरान लगाए गए आरोपों को निराधार बताते हुए जिलाधिकारी को एक विस्तृत ज्ञापन सौंपा है। सभासदों ने ईओ पर तथ्यहीन, झूठी और भ्रामक शिकायत देकर प्रशासन को गुमराह करने तथा जनप्रतिनिधियों की छवि धूमिल करने का आरोप लगाया है।
सभासदों ने ज्ञापन में कहा कि 22 नवंबर 2025 को आयोजित बोर्ड बैठक के बाद ईओ द्वारा सभासदों पर धक्का-मुक्की, अभद्रता और गाली-गलौज जैसे आरोप लगाते हुए शिकायत दर्ज कराई गई, जिन पर किसी प्रकार का साक्ष्य उपलब्ध नहीं है। उन्होंने बताया कि बैठक के दौरान किसी भी सभासद द्वारा न तो धक्का-मुक्की की गई और न ही किसी प्रकार की आपत्तिजनक भाषा का प्रयोग हुआ।सभासदों का कहना है कि ईओ की शिकायत पूरी तरह झूठ पर आधारित है और इसका उद्देश्य जनप्रतिनिधियों की विश्वसनीयता को नुकसान पहुँचाना है। उन्होंने कहा कि समाचारपत्रों में प्रकाशित रिपोर्टों से भी स्पष्ट होता है कि लगाए गए आरोप बेबुनियाद हैं।
सभासदों ने आरोप लगाया कि ईओ ने जानबूझकर गलत जानकारी देकर प्रशासन को गुमराह किया है, जो न केवल जनप्रतिनिधियों का अपमान है बल्कि लोकतांत्रिक संस्थाओं की कार्यप्रणाली को बदनाम करने का प्रयास भी है। सभासदों ने जिलाधिकारी से निम्न मांगें की हैं। ईओ की शिकायत की उच्च स्तरीय एवं निष्पक्ष जांच कराई जाए।जांच में बोर्ड बैठक का उपस्थिति रजिस्टर, मौजूद कर्मचारियों और सभासदों के बयान दर्ज किए जाएँ। बिना आधार के आरोप लगाने के लिए ईओ के विरुद्ध विभागीय कार्रवाई की जाए। शिकायत में उल्लेखित सरकारी अभिलेखों के फटने संबंधी दावे की भी जांच की जाए।जांच पूरी होने तक ईओ को संबंधित कार्य से विरत रखा जाए, ताकि जांच निष्पक्ष और निर्भीक रूप से संपन्न हो सके। सभासदों ने कहा कि उन्हें जिलाधिकारी की न्यायप्रियता पर पूरा विश्वास है और आशा है कि प्रकरण में शीघ्र ही आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।नगर पालिका परिषद के सभासदों द्वारा दिए गए इस ज्ञापन से नगर पालिका प्रशासन में चल रहे विवाद ने एक बार फिर नई बहस को जन्म दे दिया है।
