अधिकारियों ने बताया कि बाल श्रम (निषेध एवं विनियमन) संशोधन अधिनियम 2016 के अंतर्गत खतरनाक प्रक्रिया में बाल श्रम कराए जाने पर सेवायोजक को एक वर्ष तक की सजा या 50,000 रुपये तक के अर्थदंड, अथवा दोनों का प्रावधान है। साथ ही प्रति बाल श्रमिक 20,000 रुपये की वसूली चाइल्ड लेबर वेलफेयर फंड हेतु की जाएगी। चेतावनी के बावजूद यदि अभिभावक पुनः बच्चों को श्रम में लगाते पाए गए तो उनके विरुद्ध भी दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी।
संयुक्त अभियान में श्रम प्रवर्तन अधिकारी शशिकला, संरक्षण अधिकारी मीनाक्षी पाठक, चाइल्ड हेल्पलाइन परियोजना समन्वयक निर्वान सिंह, थाना एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग के कॉन्स्टेबल अमित कुमार, महिला कॉन्स्टेबल सीमा तथा थाना जहानाबाद पुलिस की सक्रिय भूमिका रही।
