बाराबंकी: धान खरीद में आइरिस तकनीक से परेशान किसान! बायोमेट्रिक (अंगूठा) प्रणाली बहाल करने की मांग
December 01, 2025
सूरतगंज/बाराबंकी। धान खरीद केंद्रों पर लागू की गई आइरिस प्रणाली किसानों के लिए मुसीबत बनती जा रही है। आइरिस और नेटवर्क की समस्या से त्रस्त किसानों ने सोमवार को सेंटर पर जोरदार प्रदर्शन करते हुए पूर्व की तरह बायोमेट्रिक (अंगूठा लगाकर) पहचान व्यवस्था बहाल करने की मांग की।फर्जीवाड़ा रोकने के लिए शासन ने धान खरीद में आइरिस तकनीक लागू की है, जिसके तहत किसानों व केंद्र प्रभारियों की आंखों की स्कैनिंग के बाद ही तौल प्रक्रिया पूर्ण होती है। लेकिन उम्रदराज व आंखों के ऑपरेशन करा चुके किसानों की रेटिना स्कैन मशीन से मैच नहीं हो रही, जिस कारण तौल के बाद भी भुगतान और प्रक्रिया अटक जा रही है।्बरैय्या स्थित खाद एवं रसद विभाग के धान क्रय केंद्र पर किसानों ने हंगामा करते हुए आइरिस प्रक्रिया समाप्त कर पुनः अंगूठा आधारित बायोमेट्रिक प्रणाली शुरू करने की मांग उठाई। बरैय्या गांव के किसान सुरेश कुमार ने बताया कि 18 नवंबर को धान तौल हो जाने के बाद से वे रोज आइरिस कराने केंद्र का चक्कर लगा रहे हैं, लेकिन मशीन उनकी रेटिना स्वीकार नहीं कर रही।अंदीपुर के रामकुबेर, रंजीत और फूलचंद ने भी शिकायत की कि कई दिनों की जद्दोजहद के बाद धान की तौल तो हो गई, लेकिन अब आइरिस सत्यापन न होने से उन्हें निराश होकर वापस लौटना पड़ रहा है। बरैय्या के उत्तम कुमार, ज्ञान प्रकाश, राजमल आदि किसानों ने भी आइरिस प्रक्रिया खत्म कर पिछले वर्ष की तरह अंगूठा विकल्प बहाल करने की मांग दोहराई।प्रदर्शन कर रहे किसानों को केंद्र प्रभारी प्रीतम सिंह व विनोद कुमार ने समझा-बुझाकर शांत कराया और समस्या को उच्चाधिकारियों तक पहुंचाने का आश्वासन दिया।
