हढ़ियाकोल /बाराबंकी। रेठ नदी के पावन तट पर स्थित परम योगी बाबा बद्रीदास जंगली बाबा की तपस्थली, वीतरागी संत स्वामी रामदास महाराज एवं स्वामी रामज्ञान दास महाराज की कर्मस्थली हढ़ियाकोल के जंगल में साक्षात विराजित रोगहरण श्रीहनुमान जी की छत्रछाया में आयोजित होने वाले 44वें सेवा महाकुंभ का रविवार को शुभारम्भ हुआ । श्रीराम वन कुटीर ट्रस्ट समिति के अध्यक्ष भगवानदास महाराज ने अस्पताल परिसर में स्थापित मंदिर कक्ष में हनुमान , स्वामी विवेकानंद , स्वामी रामदास महाराज के चित्र पर माल्यार्पण कर पूजन-अर्चन किया तथा इसके बाद निरूशुल्क ऑपरेशन शिविर की शुरुआत कराई।
आश्रम के सेवादार मनीष मेहरोत्रा ने बताया किभगवानदास महाराज ने ऑपरेशन थिएटर एवं वार्डों में जाकर पूजन किया और विभिन्न जिलों से ऑपरेशन कराने आए मरीजों का हाल-चाल जाना। साथ ही उन्होंने शिविर में उपलब्ध चिकित्सा सुविधाओं और व्यवस्थाओं की जानकारी ली।मनीष मेहरोत्रा ने बताया कि यह देश का पहला ऐसा चिकित्सा आयोजन है, जिसमें 17 दिनों के भीतर लगभग 4 हजार सफल सर्जरी की जाती हैं। इस शिविर की विशेषता यह है कि सेवाभावी डॉक्टरों और मरीजों के बीच किसी भी प्रकार का आर्थिक लेन-देन नहीं होता। देश के विभिन्न राज्यों से आए अनुभवी चिकित्सक यहां समय निकालकर सेवा देते हैं और मरीजों को रोगमुक्त कर उनके चेहरे पर मुस्कान लाते हैं।
प्रख्यात हृदय रोग विशेषज्ञ एवं शिविर के निदेशक डॉ. जे.के. झापरवाल (उदयपुर) ने बताया कि यह आश्रम उनके जीवन का “जनरेटर” है। हर वर्ष जनवरी माह में यहां आकर वे स्वयं को ऊर्जा से भरते हैं। उन्होंने कहा कि रोगहरण श्रीहनुमान जी को आधार बनाकर किए गए ऑपरेशनों में आज तक कोई असफलता नहीं आई है। पेट्रोमैक्स की रोशनी, लकड़ी के ऑपरेशन टेबल और पैरे के बिस्तरों से शुरू हुआ यह सेवा कार्य आज एक
अत्याधुनिक 300 बेड के उच्चस्तरीय अस्पताल का रूप ले चुका है, जो पूरी तरह हनुमान जी की कृपा का परिणाम है।सेवादारों ने बताया कि इस सेवा महाकुंभ में मरीजों की सेवा के लिए विभिन्न राज्यों से सेवादार अपने परिवार सहित पहुंच रहे हैं, जिससे यह आयोजन एक विशाल मानव सेवा आंदोलन का रूप ले चुका है।
