लखनऊ । राजधानी लखनऊ के चिनहट स्थित रामा महाविद्यालय में बी.एड. प्रशिक्षण की समृद्ध परंपरा के अंतर्गत विद्यार्थियों को निरंतर विद्यालयों में व्यावहारिक शिक्षण का अनुभव प्रदान किया जाता है। महाविद्यालय का मानना है कि एक श्रेष्ठ शिक्षक वही बनता है जो वास्तविक कक्षा-परिस्थितियों में सीखकर अपनी क्षमताओं का व्यापक विकास करे।
महाविद्यालय का पोषणकारी एवं सहयोगी शैक्षणिक वातावरण विद्यार्थियों को न केवल सैद्धांतिक रूप से सुदृढ़ करता है, बल्कि उन्हें व्यवहारिक कुशलताओं से भी समृद्ध बनाता है। इसी कारण रामा महाविद्यालय शिक्षक-शिक्षा के क्षेत्र में एक विश्वसनीय और प्रभावशाली संस्थान के रूप में प्रतिष्ठित है।
बी.एड. विभागाध्यक्ष डॉ. किरन द्विवेदी ने कहा कि समग्र शिक्षक विकास के लिए वास्तविक कक्षा-अनुभव अत्यंत आवश्यक है, और महाविद्यालय इस दिशा में निरंतर कार्यरत है।
प्राचार्य डॉ. मयंक सिंह ने कहा कि सिद्धांत और व्यवहार का संतुलित समन्वय ही एक कुशल शिक्षक का निर्माण करता है, और रामा महाविद्यालय इसी प्रक्रिया को प्राथमिकता देता है।
निदेशक डॉ. अभिषेक यादव ने कहा कि गुणवत्तापूर्ण शिक्षक-शिक्षा रामा महाविद्यालय की पहचान है। हमारा उद्देश्य आत्मविश्वासी, सक्षम एवं समाज-उन्मुख शिक्षक तैयार करना है।
विभिन्न केंद्रों पर विद्यार्थियों का मार्गदर्शन कर रहे बी.एड. विभाग के शिक्षक ,श्री आर. पी. यादव, डॉ. राकेश वर्मा, डॉ. राशी श्रीवास्तव, सुश्री शिखा पाण्डेय एवं श्रीमती गुंजन श्रीवास्तव अपने महत्वपूर्ण सहयोग से इस प्रशिक्षण को सफल बनाया।
