बलिया। नगर पालिका परिषद बलिया में समुचित सफाई व्यवस्था सुनिश्चित करना मुश्किल हो गया है। सफाई कर्मचारी निराश हैं। मुख्य बाधा सफाई कर्मचारियों के वेतन भुगतान के बिल और चेक पर अध्यक्ष नगर पालिका के हस्ताक्षर नहीं किया जाना है।अध्यक्ष नगर पालिका से हस्ताक्षर किए जाने के लिए अधिशासी अधिकारी बलिया ने पत्र के माध्यम से स्वयं हस्ताक्षर कर पत्रावली दो बार प्रेषित की और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में भी सभी तथ्यों को अवगत कराया।
बता दें कि 22 नवंबर को नगर पालिका बलिया की सफाई व्यवस्था को ठीक करने विषयक संपूर्ण तथ्यों को जनप्रतिनिधिगण की बैठक में रखा गया। जिसमें दयाशंकर सिंह परिवहन राज्य मंत्री, नीरज शेखर राज्यसभा सदस्य और संजय मिश्रा जिलाध्यक्ष भाजपा सहित जिलाधिकारी, पुलिस अधीक्षक और संबंधित अधिकारीगण मौजूद रहे। इस दौरान लिए गए निर्णय पर तत्काल 23 नवंबर को कार्रवाई की गई।
अध्यक्ष नगर पालिका से सफाई कर्मचारियों के भुगतान संबंधी पत्रावली पर हस्ताक्षर के लिए पुनः वार्ता कर ली जाए। इसके क्रम में 23 नवंबर को सिटी मजिस्ट्रेट और अधिशासी अधिकारी बलिया द्वारा पत्रावली पर हस्ताक्षर के लिए अध्यक्ष नगर पालिका के आवास पर गए, लेकिन आवास में अंदर मौजूद होने पर भी आवास में नहीं रहने की बात कह कर उपस्थित अधिकारी से नहीं मिले। जिससे सफाई कर्मचारियों का भुगतान नहीं हो पा रहा।
-सफाई कर्मी को आउट सोर्स के माध्यम से उपलब्ध कराने वाली फर्म के मालिक अनिल पांडेय से कार्रवाई किए जाने की चेतावनी दी गई। अनिल पांडे फर्म मालिक द्वारा 24 नवंबर को प्रातः 10 बजे सोमवार बैंक खुलने पर तत्काल सफाई कर्मियों का भुगतान दिए जाने की बात कही। आज रविवार होने के कारण भुगतान संभव नहीं था, लेकिन कल सभी आउटसोर्स सफाई कर्मियों का भुगतान हो जाएगा।सभी सफाई कर्मी कल कार्य पर नहीं लौटेंगे तो आउटसोर्स फर्म अनुपस्थित सफाई कर्मी को हटाकर नए सफाई कर्मी लगाएगी।
-23 नवंबर नगर पालिका बलिया में सफाई व्यवस्था के वैकल्पिक उपाय हेतु अन्य नगर निकाय के 20- 20 सफाई कर्मी सहित 150 सफाई कर्मी और ब्लॉकों के 100 सफाई कर्मी लगाए गए।कुछ अराजकतत्वों और सफाई संगठन द्वारा अनावश्यक विरोध करने पर समझा बुझा कर और पुलिस सुरक्षा प्रदान कर सफाई कराई गई।
नगर पालिका बलिया में सफाई कार्य संबंधी सभी तात्कालिक आवश्यक उपाय और पर्यवेक्षण जिला प्रशासन द्वारा किया जा रहा है। अगर किसी भी कर्मचारी द्वारा सफाई संबंधी लोक हित विषयों पर अपने पद के कर्तव्यों का निर्वहन नहीं किया जाएगा तो एस्मा अंतर्गत वैधानिक कार्रवाई की जाएगी। साथ ही आउटसोर्स फर्म द्वारा लापरवाही किए जाने पर मुकदमा करते हुए ब्लैक लिस्ट किया जाएगा। अगर कोई भी अराजकतत्व भ्रामक सूचना फैलाता है अथवा सफाई जैसे लोकहित विषयों पर बाधा पहुंचाता है, तो सुसंगत धाराओं में मुकदमा कर कठोर कार्रवाई की जाएगी।
