बाराबंकी। थाना देवा पुलिस टीम ने पशु चोरी की वारदात में शामिल चार शातिर चोरों को गिरफ्तार कर उनके कब्जे से चोरी की एक भैंस, भैंस का बच्चा (पड़िया), अवैध 12 बोर की बंदूक, जिंदा कारतूस, नाजायज चाकू तथा घटना में प्रयुक्त टाटा मैजिक वाहन बरामद किया है।थाना देवा क्षेत्र के ग्राम गौरिया से 21 नवंबर की रात भैंस व उसका बच्चा चोरी होने की घटना पर बीएनएस की धाराओं में केस दर्ज था। इसी मामले की तहकीकात में जुटी देवा पुलिस टीम ने रविवार को फुरकान पुत्र मोहम्मद सफीक निवासी आलापुर, थाना कोतवाली ,फजल उर्फ मामू पुत्र सफीक निवासी खेवली, थाना देवा, फुरकान पुत्र उस्मान निवासी ग्राम खेवली, थाना देवा रितेश पुत्र प्रेमचंद निवासी खंदर भिटहरी, थाना चिनहट, जनपद लखनऊ को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस के अनुसार अभियुक्तों के कब्जे से चोरी की एक भैंस, एक बछड़ा, एक अवैध अद्धी 12 बोर बंदूक मय एक जिंदा कारतूस, एक नाजायज चाकू तथा टाटा मैजिक बरामद हुई। बरामदगी के आधार पर मुकदमे में बीएनएस की बढ़ोत्तरी की गई। साथ ही फुरकान पुत्र सफीक के कब्जे से अवैध बंदूक मिलने पर आर्म्स एक्ट तथा अफजल उर्फ मामू के कब्जे से अवैध चाकू मिलने पर मुकदमा संख्या आर्म्स एक्ट मे मुकदमा पंजीकृत किया गया।पूछताछ में सामने आया कि अभियुक्त फुरकान पुत्र सफीक और अफजल उर्फ मामू के विरुद्ध बाराबंकी और लखनऊ के विभिन्न थानों में चोरी, गौतस्करी, हत्या व अवैध शस्त्र बरामदगी के कई मामले दर्ज हैं। पुलिस के मुताबिक ये लोग एक संगठित गिरोह के रूप में गांवों और कस्बों में पहले रेकी कर चिन्हित स्थानों पर पशु व अन्य चोरी की वारदातों को अंजाम देते हैं। गौरिया गांव से भैंस व पड़िया की चोरी भी इन्हीं द्वारा टाटा मैजिक वाहन से की गई थी।
गिरफ्तार अभियुक्तों में फुरकान पुत्र मोहम्मद सफीक के खिलाफ कोतवाली नगर, गोमती नगर विस्तार व देवा थानों में हत्या, चोरी, मारपीट और आर्म्स एक्ट समेत आठ मुकदमे दर्ज हैं। वहीं अफजल उर्फ मामू पर गोवध निवारण अधिनियम, गैंगस्टर, आर्म्स एक्ट व हत्या जैसे गंभीर मामलों सहित कई मुकदमे पंजीकृत हैं। अन्य दो अभियुक्तों फुरकान पुत्र उस्मान व रितेश के खिलाफ भी वर्तमान पशु चोरी प्रकरण से संबंधित मुकदमा दर्ज है।
इस कार्रवाई में देवा थाना प्रभारी निरीक्षक अजय कुमार त्रिपाठी, उपनिरीक्षक राजेश कुमार भारती, उपनिरीक्षक शैलेन्द्र यादव, मुख्य आरक्षी सर्वेश कुमार, आरक्षी सुजीत कनौजिया, बाल गोविंद तथा विनय प्रताप सिंह शामिल रहे। पुलिस का दावा है कि गिरोह के अन्य सम्भावित साथियों की भी पड़ताल की जा रही है।
