बाराबंकीः अंतिम व्यक्ति के हक की आवाज थे लोकबंधु राजनारायण- गोप
November 23, 2025
बाराबंकी। समाजवादी पुरोधा लोकबंधु राजनारायण की जयंती पर रविवार को देवा रोड स्थित गांधी भवन में उन्हें याद किया गया। इस मौके पर राजनारायण जी का संघर्षमय राजनीतिक जीवन विषय पर परिचर्चा की गई। इससे पहले कार्यक्रम के मुख्य अतिथि अरविन्द कुमार सिंह गोप ने स्व. राजनारायण के चित्र पर मार्ल्यापण किया। श्री गोप ने कहा कि राजनारायण आजीवन सड़क से सांसद तक समाज के अंतिम व्यक्ति के हक के लिए संघर्ष करते रहे। आज जरूरत है कि समाजवादी आन्दोलन कैसे मजबूत हो। समाजवाद की परिकल्पना को चरितार्थ करने के लिए राजनारायण के विचारों को आत्मसात कर उनके पदचिह्नों पर चलना ही उनके प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी। समाजवादी चिन्तक राजनाथ शर्मा ने राजनारायण के साथ बिताए अपने संस्मरण को साझा किया। श्री शर्मा ने बताया कि राजनारायण ने अपने जीवन व संघर्ष के लिए जो सिद्धांत बनाए, उनसे कभी भी समझौता नहीं किया। न ही राजनीतिक नफे नुकसान की सोचकर अपनी राह बदली। जब भी जिस रूप में भी और जिस मंच पर भी जरूरी हुआ, अपनी बात जोरदार ढंग से रखते रहे। वरिष्ठ सपा नेता प्रमोद वाजपनेई ने कहा राजनारायण आजीवन अन्याय और विषमता के विरुद्ध संघर्षरत रहे। गरीबों और समाज के कमजोर वर्ग के लोगों के हितों की वे आवाज उठाते रहे। समाजवादी पार्टी उनके रास्ते पर चलने को संकल्पित है। सभा की अध्यक्षता कर रहे वरिष्ठ पत्रकार एवं लोकतंत्र रक्षक सेनानी और लोकबंधु राजनारायण विचार पथ के लेखक धीरेन्द्र नाथ श्रीवास्तव ने कहा कि राजनारायण जीवनपर्यंत समाजवादी विचारों के लिए समर्पित रहे। डॉ. लोहिया से प्रभावित होकर वे स्वतंत्रता आंदोलन से लेकर स्वतंत्र भारत में भी जेल यातनाएं सहते रहे। उतर प्रदेश विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष और संसद सदस्य के रूप में उन्होंने जनहित के मुद्दों पर जहां सरकार को घेरा, वहीं कई स्वस्थ लोकतांत्रिक परंपराओं की भी उन्होंने शुरुआत कराई। इस मौके पर “लोकबंधु राजनारायण विचार पथ” जैसी महत्वपूर्ण कृति का संपादन करने वाले धीरेंद्र नाथ श्रीवास्तव और राजनारायण के पारिवारिक सदस्य विजय कुमार सिंह मुन्ना को राजनाराण स्मृति अवार्ड से सम्मानित किया गया। वहीं देवा वेलफेयर ट्रस्ट के संस्थापक एवं समाजसेवी वासिक वारसी के सुदीर्घ व सेहतमंद जीवन की प्रार्थना की गई। सभा का संचालन पाटेश्वरी प्रसाद ने किया। इस अवसर पर प्रमुख रूप से मो. उमैर किदवई, हुमायूं नईम खान, विनय कुमार सिंह, वासिक रफीक वारसी, सलाउद्दीन किदवई, पूर्व विधायक राम गोपाल रावत, अनवर महबूब किदवई, शऊर कामिल किदवई, शिवशंकर शुक्ला, सईद अहमद, अजय वर्मा बबलू, अताउर्रहमान, कैलाश बक्श सिंह, वीरेन्द्र प्रधान, संतोष शुक्ला, भागीरथ गौतम, हशमत अली गुड्डू, मनीेष सिंह, ज्ञान सिंह यादव आदि कई लोग मौजूद रहे।
