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प्रतापगढः रूमहात्मा ज्योतिबा फुले जी का जीवन दर्शन नई पीढ़ी के लिए बेहद प्रेरणादायक! मीडिया वेलफेयर एसोसिएशन के तत्वावधान में मना परिनिर्वाण दिवस समारोह


प्रतापगढ़। महात्मा ज्योतिबा फुले का जीवन दर्शन सामाजिक न्याय, सद्भाव,समतामूलक समाज की स्थापना, सामाजिक शुचिता एवं समभाव से ओत-प्रोत रहा है। उन्होंने महिलाओं, पिछड़ों और अछूतों के उत्थान हेतु अनेक कार्य किए।समाज के सभी वर्गों को शिक्षा प्रदान करने के प्रबल समर्थक थे।उक्त बातें मीडिया वेलफेयर एसोसिएशन के तत्वावधान में बाबू जगजीवन राम नेशनल फाउंडेशन,नई दिल्ली (सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय, भारत सरकार) के सहयोग से लालगंज विकास खंड के तारापुर गांव स्थित शंकर दीनदयाल बालिका इंटर कालेज में महान संत महात्मा ज्योतिबा फुले परिनिर्वाण दिवस के अवसर पर आयोजित भव्य समारोह को संबोधित करते हुए पांडवकालीन विराटधाम के मुख्य पुजारी एवं जाने -माने समाजसेवी विद्या शंकर पाठक ने कहीं। उन्होंने कहा कि महात्मा ज्योतिबा फुले की हमेशा यही सोच रही है कि जब भगवान के सामने सब नर-नारी समान हैं तो उनमें  भेदभाव नहीं होना चाहिए। महिलाओं की दशा सुधारने और उनकी शिक्षा के लिए देश उन्होने देश में प्रथम विद्यालय खोला और लड़कियों को पढ़ाने के लिए अध्यापिका न मिलने पर कुछ दिन स्वयं पढ़ा कर अपनी पत्नी सावित्री बाई फुले को इस योग्य बना दिया। समारोह की अध्यक्षता करते हुए विद्यालय विद्यालय के प्रबंधक रामशंकर यादव ने कहा कि महात्मा ज्योतिबा फुले ने सदैव शिक्षा को जीवन की सर्वोच्च प्राथमिकता देने की वकालत की और निर्धन तथा निर्बल वर्ग को न्याय दिलाने के लिए सन 1873 में सत्यशोधक समाज की स्थापना किया।उनकी समाजसेवा देख कर 1888 ई0 में मुंबई की विशाल सभा ने उन्हें महात्मा की उपाधि दी।हम सभी को उनके जीवन-दर्शन से प्रेरणा लेनी चाहिए।

मुख्य वक्ता के तौर पर पधारे पूर्व सैनिक लल्लन प्रसाद मिश्र, शिक्षिका ऊषा शुक्ला, पूजा यादव, अंशिका वर्मा,हरीलाल यादव आदि ने महात्मा ज्योतिबा फुले के व्यक्तित्व -कृतित्व व उनके जीवन वृत्त पर बिस्तार से प्रकाश डालते हुए प्रेरणा लेने हेतु प्रेरित किया।एक दिन पूर्व छात्र-छात्राओं के मध्य स्लोगन, चित्र कला, वाद-विवाद प्रतियोगिता  एवं निबंधन लेखन करा कर प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय स्थान हासिल करने वालों को शील्ड, मेडल,मेमेंटो एवं प्राइज व प्रशस्ति पत्र देकर पुरस्कृत कर सभी प्रतिभागियों को सांत्वना पुरस्कार से सम्मानित किया गया। विश्वकर्मा सांस्कृतिक दल द्वारा मनमोहक सांस्कृतिक प्रस्तुतियां दी गईं तथा संस्था की ओर से सभी को जलपान व स्वल्पाहार कराया गया। समारोह का संचालन अध्यक्ष कुल भूषण शुक्ल एवं महामंत्री सुरेन्द्र कुमार पाण्डेय ने संयुक्त रूप से किया।इस मौके पर किरन शर्मा, पल्लवी यादव , डॉ ज्योत्सना शुक्ला, उपासना शुक्ला, गोपाल पाठक, सुरेन्द्र पटेल, बाबूलाल शुक्ल, रत्नेश श्रीवास्तव, सुनील पांडेय,जंत्री प्रसाद ओझा आदि मौजूद रहे।

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