बिहार SIR केस : चुनाव नामांकन के बाद आयोग जारी करेगा वोटर लिस्ट
October 16, 2025
चुनाव आयोग ने कहा है कि वह बिहार विधानसभा चुनाव के दोनों चरणों के लिए नामांकन पूरा होने के बाद मतदाता सूची प्रकाशित करेगा. आयोग ने बिहार SIR (विशेष सघन पुनरीक्षण) मामले की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट में यह कहा. कोर्ट ने इस पर सहमति जताते हुए 4 नवंबर को अगली सुनवाई की बात कही.
गुरुवार, 16 अक्टूबर को हुई सुनवाई में याचिकाकर्ता एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR) के वकील प्रशांत भूषण ने कहा कि चुनाव आयोग ने SIR की अंतिम लिस्ट के बाद भी मतदाता सूची में संशोधन की बात कही थी. उसे वह मतदाता सूची वेबसाइट पर डालनी चाहिए जिसके आधार पर मतदान होगा.
चुनाव आयोग के लिए पेश वरिष्ठ वकील राकेश द्विवेदी ने कहा कि आयोग पहले ही ऐसा करने वाला है. 17 अक्टूबर को पहले चरण का और 20 अक्टूबर को दूसरे चरण का नामांकन पूरा हो जाएगा. उसके बाद लिस्ट प्रकाशित की जाएगी. इस पर जस्टिस सूर्य कांत और जस्टिस जोयमाल्या बागची की बेंच ने कहा कि चुनाव आयोग एक जिम्मेदार संस्था है. वह अपना दायित्व समझता है.
राकेश द्विवेदी ने याचिकाकर्ताओं पर गंभीर सवाल उठाए. उन्होंने कहा कि पूरा मौका देने के बावजूद लिस्ट से हटा कोई व्यक्ति अपील करने नहीं आ रहा है. प्रशांत भूषण और योगेंद्र यादव अगर गंभीर हैं तो उन्हें बिहार जा कर लोगों की मदद करनी चाहिए थी, लेकिन इसकी बजाय वह यहां कोर्ट का समय बर्बाद कर रहे हैं. उन्हें सिर्फ आंकड़े चाहिए ताकि वह उन्हें गलत तरीके से पेश कर भ्रम फैला सकें.
चुनाव आयोग के वकील ने यह भी कहा कि याचिकाकर्ता ने झूठे और फर्जी दस्तावेजों के साथ हलफनामा दाखिल किया है. कोर्ट को इस पर ध्यान देना चाहिए. एक अन्य याचिकाकर्ता के लिए पेश वरिष्ठ वकील गोपाल शंकरनारायण ने SIR प्रक्रिया की वैधानिकता पर सवाल उठाया. उन्होंने कहा कि सबसे पहले इस बात पर फैसला होना चाहिए कि SIR कानूनी रूप से सही है या नहीं.
प्रशांत भूषण ने भी कहा कि आयोग हर राज्य में वोटर लिस्ट समीक्षा के लिए SIR की बात कह रहा है. कोर्ट को सभी पहलुओं पर सुनवाई करनी चाहिए. इस पर कोर्ट ने कहा कि वह 4 नवंबर को वैधानिकता के पहलू पर चुनाव आयोग की दलीलें सुनेगा. कोर्ट ने यह भी कहा कि बिहार की वोटर लिस्ट जारी होने के बाद याचिकाकर्ता उसकी समीक्षा करें. अगर कोई बात कोर्ट में उठाने लायक हो तो उसे रखें.