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भगोड़े चाहे कहीं भी छुपे क्यों न हों, भारतीय अदालत के सामने लेकर आएंगे-अमित शाह


केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने गुरुवार (16 अक्टूबर 2025) को नई दिल्ली में आयोजित भगोड़ों के प्रत्यर्पण पर सम्मेलन: चुनौतियां और रणनीतियां को संबोधित किया. इस सम्मेलन का आयोजन केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) की तरफ से किया गया. उन्होंने कहा, "हम करप्शन, संगठित अपराध और आतंकवाद के प्रति जीरो टॉलरेंस अपनाते हैं."

अमित शाह ने कहा कि भारत में अब भ्रष्टाचार, अपराध और आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति को और अधिक सख्ती से लागू किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि सिर्फ देश में बैठे अपराधियों पर ही नहीं, बल्कि बाहर से देश में अपराध करने वालों पर भी जीरो टॉलरेंस होना चाहिए. उन्होंने कहा, "जो लोग देश के बाहर बैठकर भारत में अपराध, भ्रष्टाचार और आतंकवाद फैलाने की कोशिश करते हैं, उन्हें भी कानून के दायरे में लाने के लिए एक सुनिश्चित तंत्र बनाना हमारी जिम्मेदारी है."

गृह मंत्री ने बताया कि भारत सरकार ने भगोड़ों के खिलाफ कार्रवाई को और प्रभावी बनाने के लिए भारतपोल और तीन नए आपराधिक कानूनों में ट्रायल इन एब्सेंशिया (बिना आरोपी की मौजूदगी के मुकदमे की सुनवाई और फैसला किया जाना) जैसी व्यवस्था की है. उन्होंने कहा, "इन प्रावधानों के माध्यम से कोई भी भगोड़ा, चाहे वह दुनिया के किसी भी कोने में क्यों न हो, उसे हम अदालत के सामने पेश करने में सक्षम होंगे." गृहमंत्री अमित शाह ने कहा, "अपराध और अपराधी की चाल चाहे कितनी भी तेज क्यों न हो, न्याय की पहुंच उससे भी अधिक गतिमान होनी चाहिए."

गृहमंत्री ने कहा कि अब समय आ गया है जब हर भगोड़े के खिलाफ रुथलेस अप्रोच अपनाने की जरूरत है, चाहे वह आर्थिक अपराधी हो, साइबर अपराधी, आतंकी या किसी संगठित अपराध नेटवर्क का हिस्सा. उन्होंने कहा कि ऐसे सभी अपराधियों को भारतीय न्याय व्यवस्था के समक्ष खड़ा करना ही सरकार का संकल्प है. अमित शाह ने यह भी कहा कि भारत की एजेंसियां अब एकीकृत और तकनीक आधारित तंत्र के माध्यम से वैश्विक स्तर पर भगोड़ों का पता लगाने और उन्हें भारत लाने में सक्षम हो रही हैं.

अमित शाह ने कहा, "मुझे यह कहने में कोई संकोच नहीं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में हमारा लक्ष्य एक मजबूत भारत है, जो सीमाओं की सुरक्षा, कानून के शासन और स्मार्ट डिप्लोमेसी के माध्यम से विश्व में अपनी भूमिका को और सशक्त बनाएगा. आज हम ग्लोबल ऑपरेशन्स, स्ट्रांग कोआर्डिनेशन और स्मार्ट डिप्लोमेसी इन तीनों क्षेत्रों के संयोजन पर विशेष ध्यान दे रहे हैं." कार्यक्रम में देश-विदेश के कानून विशेषज्ञ, प्रवर्तन एजेंसियों के अधिकारी और कानूनी प्रतिनिधि शामिल हुए.

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