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प्रतापगढः सीआरओ ने फसल अवशेष न जलाने के सम्बन्ध में प्रचार वाहन को हरी झण्डी दिखाकर किया रवाना! फसल अवशेष प्रबंधन के उपाय अपनायें, खेत और पर्यावरण को नुकसान होने से बचाएं-सीआरओ


प्रतापगढ़। उ0प्र0 शासन द्वारा प्राप्त निर्देशो के क्रम मे जिलाधिकारी एवं मुख्य विकास अधिकारी द्वारा दिये गये निर्देश के क्रम में ”प्रमोशनल ऑफ एग्रीकल्चरल मैकेनाइजेशन फॉर इन-सीटू मैनेजमेन्ट ऑफ क्राप रेजीड्यू योजनार्न्तगत” जनपद के किसानो को फसल अवशेष जलाने से होने वाले दुष्प्रभावो से अवगत कराने तथा फसल अवशेष को खेतो में सड़ने से होने वाले लाभो से अवगत कराने के उद्देश्य से जनपद की सभी विकास खण्डो में जागरूकता अभियान के लिए प्रचार वाहन के माध्यम से प्रचार-प्रसार कराकर तथा नुक्कड गोष्ठीध्रैली का आयोजन कराकर कृषको को फसल अवशेष न जलाने के संबध में जागरूक किये जाने हेतु प्रचार-प्रसार वाहन को मुख्य राजस्व अधिकारी अजय कुमार तिवारी, उप कृषि निदेशक विनोद कुमार यादव, क्षेत्राधिकारी सदर शिव नरायन वैश द्वारा हरी झण्डी दिखाकर कृषि भवन प्रतापगढ़ के प्रांगण से जनपद की पॉच तहसील हेतु 05 प्रचार वाहन रवाना किया गया।

इस अवसर पर मुख्य राजस्व अधिकारी ने किसान भाईयों से अपील करते हुये कहा है कि फसल अवशेष को न जलाये, फसल अवशेष प्रबंधन के उपाय अपनाकर खेत और पर्यावरण को नुकसान होने से बचायें। उन्होने बताया है कि फसल अवशेष को जलाने से पर्यावरण प्रदूषित होता है, खेत में मौजूद केचुए मर जाते है, जमीन में लाभदायक जीवाणुओं की क्रियाशीलता कम हो जाती है, फसलों की पैदावार में कमी हो जाती है। खेत की पराली को न जलाये इनसे खाद बनाये, डी कम्पोजर डालकर अवशेष सड़ाकर खेत में ही खाद बनाये। फसल अवशेष जलाना अपराध है, पर्यावरण क्षतिपूर्ति हेतु दण्ड के प्राविधान है। उन्होने यह भी बताया है कि पराली जलाते हुये पकड़े जाने पर कृषि भूमि का क्षेत्रफल 02 एकड़ से कम होने की दशा में अर्थदण्ड रूपये 2500 प्रति घटना, कृषि भूमि का क्षेत्रफल 02 एकड़ से अधिक किन्तु 05 एकड़ तक होने की दशा में अर्थदण्ड रूपये 5000 प्रति घटना तथा कृषि भूमि का क्षेत्रफल 05 एकड़ से अधिक होने की दशा में अर्थदण्ड रूपये 15000 प्रति घटना का प्राविधान है।

प्रचार वाहन तहसील सदर, रानीगंज, पट्टी, लालगंज एवं कुण्डा के तहसील मुख्यालय पर जाकर संबधित उप जिलाधिकारी से हरी झण्डी दिखवाकर अपने तहसील के समस्त विकास खण्डो में जाकर अधिक से अधिक उन क्षेत्रो में भ्रमण कर फसल अवशेष न जलाने तथा फसल अवशेष जलाने से होने वाले दुष्परिणाम के संबध में लाउडस्पीकर के माध्यम से तथा कृषको के मध्य नुक्कड रैली एवं कृषि सहित्य व प्रचार लोकगीत एवं संबोधन के माध्यम से जानकारी दी जायेगी। उक्त कार्य हेतु तहसीलवार कर्मचारियो की ड्यूटी लगाई गई है, जिनके द्वारा अपने-अपने तहसील में प्रचार वाहन के साथ प्रचार-प्रसार का कार्य किया जायेगा।

उप कृषि निदेशक द्वारा अतिथियो का स्वागत करते हुए अवगत कराया गया कि गत वर्ष में कुल 29 घटनाये पराली जलाने की हुई थी, वर्तमान वर्ष में अभी पराली जलाने की 02 घटना प्रकाश में आई है। मुख्य राजस्व अधिकारी द्वारा कर्मचारियो एवं अधिकारियो को निर्देशित किया गया समस्त तहसीलो में जाकर कृषको को जागरूक कर यह सुनिश्चित किया जाय कि पराली जलाने की घटना को शून्य किया जाय। इसी क्रम में उपजिलाधिकारी सदर नैन्सी सिंह द्वारा तहसील सदर से हरी झण्डी दिखाकर प्रचार वाहन को रवाना किया गया तथा धरती माँ को बचाने के लिए अधिक से अधिक वृक्ष लगाने तथा पर्यावरण को प्रदूषण रहित बनाने का अनुरोध किया गया। अपर जिलाधिकारी द्वारा समस्त कर्मचारियो को निर्देशित किया गया अपने-अपने क्षेत्र में सघन भ्रमण कर फसल अवशेष प्रबंधन के प्रति जागरूक करे। कार्यक्रम में जिला कृषि अधिकारी अशोक कुमार एवं वीर विक्रम सिंह अपर जिला कृषि रक्षा अधिकारी, सुनील कुमार सिंह तकनीकी सलाहकार सहित अजय सिंह, विजय सिंह, राजेन्द्र उपाध्याय, सुरेश कुमार सिंह तथा समस्त कर्मचारी उपस्थित रहे।    

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