बलिया/बैरिया। विकास खण्ड रेवती के उत्तरी दियारांचल के गोपाल नगर पश्चिम टोला गांव में सरयू नदी लहरों का तांडव देख ग्रामीण शुक्रवार को कटान स्थल पर जा पहुंचे, जहां धरना-प्रदर्शन करने के साथ साथ शासन प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। सरयू नदी के तांडव से प्रभावित लोगों ने कहा हमारी मांग है कि छह किमी की लंबाई में कटानरोधी कार्य करके दीयरांचल के गोपालनगर, वशिष्ठ नगर, मानगढ़ व शिवाल मठिया के 50 हजार की आवादी को बचाया जाए। कटान पीड़ितों ने सरकार को चेताया कि यदि हमारी मांगों को नही माना गया तो हम सैकड़ों कटान पीड़ित जिलाधिकारी के पास जाएंगे। इसके बाद भी सुनवाई नहीं हुई तो मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिलकर बड़ी परियोजना बनाकर दीयरांचल को बचाने की मांग किया जाएगा। सरयू नदी के करीब बसा वशिष्ठ नगर व गोपाल नगर बस्ती की तरफ सरयू नदी अपना तांडव दिखाते हुए कटान कर रही है। अब इन दोनों गांवों से नदी की दूरी महज 100 मीटर रह गई है, जो पिछले वर्ष करीब डेढ़ किलोमीटर थी। प्रतिदिन पांच किलोमीटर लंबाई में व 50 मीटर चैड़ाई में सरयू नदी उपजाऊ जमीन को तेजधारा में विलीन कर रही है।ग्रामीणों ने बताया कि अगर कटान की गति ऐसी ही रही तो, अगले एक महीने में सरयू नदी का कटान गोपाल नगर व वशिष्ठ नगर बस्ती में पहुंच जाएगा और चारो गांवों के अस्तित्व को समाप्त कर देगी। गोपालनगर गांव के सुनील यादव, पूर्व प्रधान प्रदीप यादव, रघुनाथ यादव, कृष्णा यादव, अमन यादव सहित गोपाल नगर व वशिष्ठ नगर के दर्जनों ग्रामीणों ने बताया कि पिछले तीन वर्ष में लगभग 500 एकड़ परवल फसल सहित जमीन सरयू नदी में समां चुका है। जिससे हम खेती करने वाले लोग भूमिहीन बन चुके हैं। इस साल 50 एकड़ उपजाऊ जमीन सरयू नदी में विलीन हुई है। शासन प्रशासन की तरफ से अभी तक कटान रोकने तथा इन गांवों को बचाने के लिए कोई उपाय नहीं किया गया है, जबकि सभी जनप्रतिनिधि व जनपद के सभी जिम्मेवार अधिकारी कटान के भयावता से परिचित हैं।
पूर्व प्रधान प्रदीप यादव का कहना है कि मनियर से लेकर मांझी घाट तक केवल गोपालनगर, मानगढ़, वशिष्ठ नगर, शिवाल मठिया व बकुल्हां गांव ही अभी तक कटान से बचे हुए हैं। बाकी गांव जो श्रीनगर- तूर्तिपार बंधे के बाहर बसे थे सरयू नदी के कटान में अपने अस्तित्व को खो चुके हैं। स्थिति की भयावहता को देखते हुए ग्रामीणों ने जिला अधिकारी से तत्काल यहां कटानरोधी बड़ी परियोजना स्वीकृत कराकर गांव को बचाने की मांग की है। कहा है कि अगर जिलाधिकारी स्तर से समुचित कार्रवाई नहीं होगी तो गांव के लोग सामूहिक रूप से मुख्यमंत्री के दरबार में जाकर गांव को बचाने की गुहार लगाएंगे।
-बैरिया के गोपालनगर टाड़ी में सरयू नदी उग्र हैं, बीती रात मुकरधन यादव व शिवजी यादव का मकान सरयू नदी में समा चुका है। वहीं राजनारायण यादव, भरत यादव, शिवजी यादव ,बेचू यादव, रासबिहारी यादव, जगदीश यादव सहित दर्जन भर लोगों का मकान कटान के मुहाने पर है। गांव के लोग, महिलाएं अपने समानों को समेट कर सुरक्षित जगह पलायन कर रहे थे और अपने पक्के मकानों को अपने ही हाथों तोड़ने में लगे हुए हैं। कटान पीड़ितों का कहना है कि अभी तक अबतक प्रशासन का कोई भी अधिकारी व कर्मचारी मौके पर नहीं पहुंचा है।
-बैरिया तहसील के गोपालनगर पश्चिम टोला को सामने हो रहे कटान का निरीक्षण करने पहुंचे बाढ़ विभाग के अवर अभियंता रजनीकांत राय ने बताया कि गोपाल नगर व वशिष्ठ नगर गांव के सामने कटान काफी तेज है। इन दोनों गांवों को सरयू नदी से खतरा है। इन गांवों को बचाने के लिए बड़ी परियोजना की आवश्यकता है।छोटी परियोजना से इन गांवों को नहीं बचाया जा सकता है। कम से कम 06 किलोमीटर की लंबाई में कटान रोधी कार्य हो तब वशिष्ठ नगर व गोपाल नगर गांव सहित अन्य गांव सुरक्षित हो सकता है।
-बैरिया तहसील के गोपालनगर टाड़ी गांव में कटान की सूचना पर बैरिया विधानसभा 363 के भाजपा के वरिष्ठ नेता व समाजसेवी सूर्यभान सिंह मौके पर पहुंचे।सभी कटान पीड़ितों का दर्द जानने के बाद उन्होंने 11 कटान पीड़ितों में पांच-पांच हजार रुपये नकद सहायता किया, वहीं कटान पीड़ितों में सोलर प्लेट वितरण के साथ ही हैंडपंप लगाने के लिए 5500 रुपये अलग से दिया।
