बरखेड़ा। ब्लॉक ललौरीखेडा की ग्राम पंचायत पौटा कलां में लाखों रुपए की लागत से बने सार्वजनिक शौचालय का हाल इतना दयनीय है कि यह अब “शो-फीस” बनकर रह गया है। शौचालय के अंदर मल-मूत्र से सीटें भरी हुई हैं और केयर-टेकर के अनुसार साफ-सफाई का पैसा ग्राम प्रधान व पंचायत सचिव द्वारा हड़प लिया जा रहा है।
शौचालय का खराब हालरू शौचालय परिसर में घास और झाड़ियां बड़ी मात्रा में उगी हुई हैं, जिससे कीड़े-मकौड़े और दुर्गंध का माहौल बना हुआ है। उपयोगकर्ता बताते हैं कि बाहर से यह शौचालय तो साफ नजर आता है, लेकिन अंदर से इसका उपयोग असंभव है। सीटों की सफाई न होने के कारण दुर्गंध फैली रहती है और पानी की टंकी वर्षों से खाली पड़ी है। पानी की मोटर भी खराब होने के कारण पूरी व्यवस्था ठप है।
केयर-टेकर की पीड़ारू केयर-टेकर कुन्ती देवी ने बताया कि उन्होंने कई बार ग्राम प्रधान और सचिव से साफ-सफाई का सामान मंगवाने का अनुरोध किया, लेकिन कोई सहयोग नहीं मिला। उन्होंने आरोप लगाया कि उनके 6 हजार रुपए की मासिक वेतन और 3 हजार रुपए साफ-सफाई सामग्रियों के लिए दिए जाने वाले पैसे भी प्रधान-सचिव मिलकर हड़प लेते हैं। उनका कहना है कि अब तो वे भी हताश हैं और पंचायत स्तर पर कोई भी उनकी समस्या नहीं सुन रहा।
सत्ता की निष्क्रियतारू योगी सरकार द्वारा प्रत्येक पंचायत में सार्वजनिक शौचालय बनवाने पर लाखों रुपए खर्च किए जा रहे हैं, लेकिन स्थानीय प्रशासन की उदासीनता के कारण यह महंगा निर्माण बेकार साबित हो रहा है। ग्राम प्रधान और सचिव की लापरवाही से जनता को मूलभूत सुविधा से वंचित होना पड़ रहा है।
स्थानीय प्रतिक्रियारू ग्रामीणों का कहना है कि इस स्थिति से न केवल स्वच्छता प्रभावित हो रही है, बल्कि स्वास्थ्य संबंधी गंभीर खतरे भी उत्पन्न हो रहे हैं। पंचायत प्रशासन पर दबंगई और जवाबदेही से बचने का आरोप लगाते हुए ग्रामीण मांग कर रहे हैं कि तत्काल स्थिति सुधारने के लिए उच्च प्रशासन हस्तक्षेप करे।
