बीसलपुर। सखिया मेला प्रकरण एक बार फिर सुर्खियों में आ गया है। जूना अखाड़ा से जुड़े साधु-संतों ने पुलिस प्रशासन पर अवैध दुकानों को हटाते समय दुर्व्यवहार और लाठी चार्ज का आरोप लगाते हुए भूख हड़ताल शुरू कर दी है। साधु संतों का कहना है कि जब तक दोषी प्रशासनिक अधिकारियों और स्थानीय लोगों के खिलाफ कार्रवाई नहीं होगी, तब तक यह भूख हड़ताल जारी रहेगी।
महंत सत्य गिरि का आरोपरू जूना अखाड़ा के महंत सत्य गिरि ने कहा कि अवैध दुकानों को हटवाना सही था, लेकिन पिछले तीन महीने से चल रहे धार्मिक आस्था के सैलाब की व्यवस्था प्रशासन स्वयं देख रहा था। उस दौरान किसी ने अवैध कमाई या अनियमितताओं पर कार्रवाई क्यों नहीं की। जब साधु संतों ने इसका विरोध किया, तभी प्रशासन ने दुकानों को हटाने के साथ श्रद्धालुओं पर भी लाठी चार्ज किया। महंत सत्य गिरि ने बताया कि यह स्थान श्रद्धा और आस्था का केंद्र है, जहां कुछ लोगों द्वारा धन उगाही की जा रही थी। साधु संतों ने बार-बार प्रशासन से गुहार लगाई, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई।धरने पर बैठे संतरू महंत सत्य गिरि के नेतृत्व में वीरेंद्र पुरी, चंद्रमा गिरि, जितेंद्र गिरि, निर्मल गिरि, रामानंद गिरि, सेवा गिरि, श्रीपाल गिरि, सुरेश्वर गिरि, महंत कृष्णा नंद गिरि, काले बाबा, जगदीश गिरि, हेमंत गिरि, शंकर गिरि के साथ वैष्णव संप्रदाय के संत प्रेम दास, राजदास और प्रीतम दास सहित लगभग डेढ़ दर्जन साधु संत धरने पर बैठे हैं। उनका कहना है कि पहले पुलिस प्रशासन मेला करवा रहा था, लेकिन अब सभी रास्तों पर पुलिस तैनात कर श्रद्धालुओं को वापस किया जा रहा है। दूर-दराज से आए श्रद्धालु मायूस होकर घर लौट रहे हैं।
प्रशासन का पक्षरू दियोरिया कला के थाना प्रभारी दिगंबर सिंह ने बल प्रयोग के आरोपों को निराधार बताया। उन्होंने कहा कि साधु-संतों ने स्वयं अवैध मेले की शिकायत की थी, जिसके बाद मेला हटवाया गया।
