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बलियाः सरयू नदी का जलस्तर बढ़ने से आमजन जीवन अस्त-व्यस्त


बलिया। जनपद के बांसडीह तहसील अंतर्गत सरयू नदी का जलस्तर बढ़ने से आमजन का जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है।रामपुर नंबरी, रेंगहा, गांव क्षेत्र में बाढ़ प्रभावित लोगों को सरकार की तरफ से बाढ़ राहत सामग्री जरूर बांटा जा रहा है। इस बीच आज बाढ़ क्षेत्र का जायजा लेने पहुंचे पूर्वांचल छात्र संघर्ष समिति के संयोजक नागेंद्र बहादुर सिंह उर्फ झुन्नू नेसरकार की व्यवस्थाओं पर सवाल उठाया। झुन्नू सिंह ने कहा कि तहसील पर प्रदर्शन के बाद बाढ़ राहत सामग्री वितरित की जा रही है, जो ठीक है। लेकिन पशुओं की तरफ किसी का ध्यान नहीं है। अगर तीन दिन के अंदर पशुओं के लिए व्यवस्था नहीं हुआ तो पशु पालकों के साथ बांसडीह तहसील का घेराव करेंगे। 

इस संबंध में विरेन्द्र यादव ने कहा कि बाढ़ की वजह से पशुओं का हाल बेहाल है। इस बीच लंपी बीमारी की वजह से ज्यादा ही पशुहानि हो रही है।इसकी वजह से पशुपालकों की कमर टूट गई है। घाघरा दियरांचल पशुपालन के लिए प्रसिद्ध है। यहां लोग पशुपालन करते है। घाघरा दियरांचल की बाढ़ तथा लंपी बीमारी की वजह से पशुहानि हो रही है। पशुओं की तरफ किसी का ध्यान नहीं है।

बता दें कि बलिया में सरयू नदी में बीते दिनों से हो रहे बढ़ाव की वजह से तटवर्तीय इलाके के लोगों में दहशत व्याप्त हो गया है। नदी का जलस्तर चांदपुर गेज पर खतरा बिन्दु से 78 सेंटी मीटर ऊपर चला गया है। यहां नदी बढ़ाव पर है। सरयू नदी के उफान पर होने के कारण जनपद के सिकन्दरपुर से लेकर गोपालनगर टाड़ी तक के तटबंधीय इलाकाई लोगों को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। उधर गंगा नदी का जलस्तर भी बढ़ाव पर है। नदी का जलस्तर गायघाट गेज पर रविवार को खतरा बिन्दु से ऊपर है।

सरयू नदी के जल स्तर में वृद्धि की वजह से बांसडीह तहसील क्षेत्र के चितबिसांव खुर्द, रामपुर नंबरी, कोलकला बिन्द बस्ती, चांदपुर, नवका गांव आदि गांवों में बाढ़ का पानी घुस गया है। सिकन्दरपुर तहसील क्षेत्र के लीलकर, निपनियां, जिंदापुर, बिजलीपुर आदि गांवों तक बाढ़ का पानी पहुंच गया है। 

बैरिया तहसील क्षेत्र के गोपालनगर, शिवाल मठिया गांव बाढ़ग्रस्त है। बाढ़ से घिरे गांवों में लोग नांव के सहारे आवागमन कर रहे हैं। पूर्व प्रधान लल्लन यादव बैसाखी ने बताया कि मनुष्यों के लिए बाढ़ राहत सामग्री वितरित की जा रही है, लेकिन पशुओं के लिए शासन द्वारा कोई व्यवस्था नहीं की गई है। चाहे वह मनुष्य हो या पशु किसी के लिए चिकित्सीय सुविधा नहीं उपलब्ध है। कहा कि टीएस बंधा जर्जर हो गया है।अगर बढ़ाव जारी रहा तो टीएस बंधे पर खतरा बढ़ जाएगा।

सरयू नदी का डीएसपी हेड पर जलस्तर खतरा बिन्दु 64.01 के सापेक्ष 64.48 मीटर दर्ज किया गया। उधर चांदपुर गेज पर खतरा बिन्दु 58.00 मीटर के 68 सेंटी मीटर से ऊपर शुक्रवार की सुबह 8 बजे 58.68 मीटर दर्ज किया गया है। गंगा नदी का जलस्तर खतरा बिन्दु 57.615 के सापेक्ष 50.63 मीटर पर है।

बता दें कि बीते वर्ष सरयू नदी ने बलिया के विभिन्न गांवों में कहर बरपाया था। नदी के तांडव से टिकुलिया तथा गोपालनगर टाड़ी का अस्तित्व खो गया था। बाढ़ ने दोनों गांवों के करीब 300 से अधिक मकानों को अपना ग्रास बना लिया था।

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