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बदायूं : राशन डीलरों द्वारा किया जा रहा किसानों का शोषण, नहीं मिल रहा पूरा राशन


बदायूं। भारतीय किसान यूनियन असली गैर राजनीतिक ने भ्रष्टाचार को लेकर जिला पूर्ति कार्यालय पर जिला पूर्ति अधिकारी के खिलाफ मोर्चा खोला ।जिसका संचालन जसवीर सिंह यादव वकील साहब ने किया और अध्यक्षता स्वयं जिला अध्यक्ष केपीएस राठौर ने की । जिला सचिव सूरजपाल सिंह ने कहा कि जनपद की सभी तहसीलों पर पूर्ति इंस्पेक्टर और राशन कोटेदारों की मिली भगत से जनता का हक छीना जा रहा है और राशन का आवंटन सही तरीके से नहीं किया जाता है ।

पूरे जनपद में घटतोली  हो रही है पूरा राशन नहीं दिया जाता है जिसकी आगे प्रत्येक कोटेदार से प्रति दुकान 3000 से 3500 इंस्पेक्टर द्वारा लिए जाते हैं और वह पैसा प्राइवेट आदमी के द्वारा लिया जाता है।जिला उपाध्यक्ष हरीश पटेल ने कहा विभाग शासन के आदेश की धज्जियां उड़ा रहा है।

शासनादेश के मुताबिक राशन डीलर वितरण प्रमाण पत्र जो सचिव द्वारा प्रमाणित होता है जिससे पता लगता है कि कितना राशन बंटा और कितना शेष गोदाम में रहा किन-किन लोगों को राशन बांटा गया वह हर बार हर माह जमा होता है लेकिन कोई दुकानदार जमा नहीं करता इसी में  लोग मनमानी खेल खेलते हैं और शेष राशन भेज दिया जाता है।अधिकारी वितरण प्रमाण पत्र के बारे में नहीं पूछते वह पूछते हैं कितना राशन बचा या   नहीं अभी तक पैसा नहीं आया।

उन्होंने कहा नगर पंचायत ककराला ,सखानू असिस वरखिन, सिकरोड़ी ,रमजानपुर लबरी कठुलिया, जोड़ी नगला, गंगी नगला,  काना नगला एवं शिवायः हामिदपुर आदि दुकानों पर  प्रीत यूनिट 1 किलो राशन कम और अंत्योदय कार्डों पर 35 किलो से 30 किलो प्रीत यूनिट कम दिया जाता है। जिससे बदले में इंस्पेक्टर को मोटी कमाई आती है ।

जसवीर यादव वकील साहब  तहसील अध्यक्ष उन्होंने धरने की कार्रवाई को आगे बढ़ते हुए कहा जब तक वितरण वाली मशीन महीने के अंत तक बंद नहीं हो जाती तब तक राशन का वितरण होना चाहिए।

कोटेदारों का एक कांटा मशीन से जो कनेक्ट होता है जिससे पर्ची निकलती है किसी भी व्यक्ति का अंगूठा लगाकर उसे मशीन के ऊपर ईंट पत्थरों का वजन रखते हैं उसके बाद पर्ची  निकलती है और फिर स्टोर में जहां राशन मिलता है दूसरा कांटा रखा है उसे पर्ची के हिसाब से वह कांटा सेट किया हुआ है वजन करके उससे राशन दे दिए जाता है जो निर्धारित मात्रा से कम राशन होता है ।

सूर्य प्रताप यादव ने कहा की गोदाम से ट्रांसपोर्टर ठेकेदार राशन को डोर टू डोर पहुंचने का पैसा एवं पल्लेदारी का पैसा सरकार से लेते हैं ठेकेदार खुद ना जाकर अपने प्राइवेट लड़कों को भेजता है जो रास्ते में गाड़ियां खड़ी करते हैं और वहीं से राशन का वितरण शुरू कर देते हैं कोटेदार अपने-अपने वाहन लेकर आते हैं और वह अपना राशन अपने वाहनों में लेकर अपनी दुकान तक ले जाते हैं कोटेदारों से भी यह ट्रांसपोर्ट ठेकेदार 1200 से 1500 प्रति राशन कोटेदार से लेते हैं ।

जिला अध्यक्ष के पी एस राठौर ने कहा की सरकार किसानों से गेहूं खरीदती है तो 50 किलो की भर्ती लेते हैं लेकिन 500 ग्राम बोरी का काटकर  49 किलो 500 ग्राम की भर्ती होती है लेकिन ठेकेदार गेहूं की गाड़ियों पर पानी का छिड़काव करता है और वही बोरी को ठेकेदार 52 किलो की भर्ती काटकर दे देते हैं ट्रांसपोर्टर एक कट्टे पर ढाई किलो गेहूं बचा रहा है इस तरह से लाखों कट्टे कोटेदार ले जाते हैं ऐसे लोग ही गलत कार्य करके 500 लाखों रुपया पैदा करते हैं इंस्पेक्टर द्वारा आम आदमियों का राशन कार्ड जांच कर कटवा देते हैं लेकिन प्रधान आदि पदों पर आसीन व्यक्तियों की शिकायत के बाद भी राशन कार्ड नहीं कटता ।

एक प्रधान बिल्सी तहसील में 4 वर्षों से राशन ले रहा है उसका राशन कार्ड नंबर 2149 40 86 6375 है जिसकी शिकायत इंस्पेक्टर धीरज गुप्ता से 2 महीने पहले की थी गुप्ता जी ने कहा मैं कटवा दूंगा लेकिन अभी तक वह राशन कार्ड नहीं काटा शीघ्र उस प्रधान पर रिकवरी निकलवाई जाए और राशन कार्ड को नष्ट करवाया जाए जनपद के सभी राशन डीलर प्रति दुकान 3000 से 3500 प्राइवेट आदमियों के द्वारा इकट्ठा करवा कर इंस्पेक्टर के पास पहुंचाते हैं  उपरोक्त समस्याओं का समाधान 10 दिनों के अंदर होना चाहिए नहीं तो संगठन जिला पूर्ति कार्यालय पर अनिश्चितकालीन धरना करेगा इस धरने के दौरान किसी भी सरकारी संपत्ति को नुकसान होता है तो इसकी पूर्ण जिम्मेदारी प्रशासन की होगी।

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