लखनऊ। जयपुर में सहकार भारती एवं राजस्थान सरकार के संयुक्त तत्वाधान में (10 -11 सितंबर 2025 को) दो दिवसीय नगरीय सहकारी बैंकों का राष्ट्रीय अधिवेशन का आयोजन।महामहिम राज्यपाल राजस्थान, एवं मुख्यमंत्री राजस्थान सरकार की गौरवमयी उपस्थिति में होगा आयोजन। अधिवेशन का मूल एजेंडा“ शहरी सहकारी बैकिंग की वर्तमान स्थिति और चुनौती“ पर अनेक विशेषज्ञ एवं सहकार बन्धुओं द्वारा गहन चर्चा की जाएगी।
इस घोषवाक्य के साथ सहकारिता के क्षेत्र में राष्ट्रीय स्तर पर कार्यरत स्वयं सेवी संगठन सहकार भारती 28 प्रदेशों के 650 जिला केन्द्रो पर कार्यरत है। अंतरराष्ट्रीय सहकारिता वर्ष के उपलक्ष्य में जयपुर में आयोजित होने वाले अर्बन कोऑपरेटिव बैंकों व ऋण सहकारी समिति का राष्ट्रीय अधिवेशन की सफलता के लिए दारूलसफा स्थित प्रांतीय कार्यालय में रविवार को सहकार भारती उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष अरूण कुमार सिंह की अध्यक्षता में बैठक संपन्न हुईए अधिवेशन में प्रदेश के अधिक से अधिक प्रतिनिधियों के पहुंचने का आहृवान किया गया है।
बैठक में प्रदेश अध्यक्ष ने बताया कि जयपुर के रामबाग स्थित बिड़ला ऑडिटोरियम में सहकार भारती और राजस्थान सरकार के संयुक्त तत्वाधान में अर्बन कोऑपरेटिव बैंकों व ऋण सहकारी समिति को राष्ट्रीय अधिवेशन दिनांक 10 और 11 सितंबर 2025 को होना निश्चित है। इस अधिवेशन में राजस्थान के महामहिम राज्यपाल हरि भाऊजी बागड़ी और राजस्थान के यशस्वी मुख्यमंत्री भजनलाल जी शर्मा एवं राजस्थान प्रदेश के सहकारिता मंत्री गौतम दक के अलावा अन्य विशिष्ट अतिथियों का सानिध्य प्राप्त होगा। दो दिवसीय अधिवेशन में बैंक क्षेत्र के वर्तमान स्थिति और चुनौतियां, भविष्य की संभावनाएं, जोखिम, साइबर सुरक्षा, बैंक क्षेत्र में नवाचार के प्रयोग जैसे विषयों पर चर्चा तथा विशेषज्ञों का मार्गदर्शन प्राप्त होगा।
उन्होंने बताया कि अधिवेशन में देश भर के 500 अर्बन कोऑपरेटिव बैंकों के तकनीकी 1000 प्रतिनिधि भाग लेंगे। इसमें अर्बन कोऑपरेटिव बैंकों के अध्यक्षध्उपाध्यक्ष, प्रबंध निदेशकध्मुख्य कार्यकारी अधिकारी की उपस्थिति रहेगी। अधिवेशन में भाग लेने के लिए पंजीयन की प्रक्रिया जारी है. अरूण कुमार सिंह ने बताया कि आयोजन हेतु पांच सदस्यीय टीम का गठन किया गया है। सहकार भारती उत्तर प्रदेश द्वारा उत्तर प्रदेश के सभी अर्बन कोऑपरेटिव बैंकों से संपर्क कर इस अधिवेशन में उत्तर प्रदेश से अधिक से अधिक प्रतिनिधियों की भागीदारी हो ऐसा आह्वाहन किया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि सहकार भारती का यह विश्वास है कि सहकारिता आधारित बैंकिंग व्यवस्था न केवल छोटे व्यापारियों तथा मध्यम वर्ग को सक्षम बनाएगी बल्कि समाज के अंतिम पायदान पर खड़े व्यक्ति तक वित्तीय सेवाएं पहुंचाने में भी अहम भूमिका निभायेगी।