बांग्लादेशी घुसपैठियों की इतनी ही परवाह है तो अपने घरों में जगह दो-हिमंता बिस्वा शर्मा
August 25, 2025
असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने मनमोहन सिंह सरकार के दौरान योजना आयोग की सदस्य रहीं सैयदा हमीद पर निशाना साधा है. उन्होंने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में कहा कि गांधी परिवार की करीबी सैयदा हमीद जैसे लोग अवैध घुसपैठियों को वैध ठहराते हैं और जिन्ना के सपने को पूरा करना चाहते हैं. ये लोग चाहते हैं कि असम को पाकिस्तान का हिस्सा बनाया जाए. उन्होंने चेतावनी दी कि असम की पहचान खतरे में है लेकिन इसे बचाने के लिए वे आखिरी बूंद तक संघर्ष करेंगे.'
सरमा ने एक्स पर लिखा- 'गांधी परिवार की करीबी सैयदा हमीद जैसे लोग अवैध घुसपैठियों को वैध ठहराते हैं और जिन्ना के उस सपने को पूरा करना चाहते हैं, जिसमें असम को पाकिस्तान का हिस्सा बनाने की साजिश थी. आज असम की अस्मिता खत्म होने के कगार पर है और इसकी वजह ऐसे लोगों का मौन समर्थन है. लेकिन हम लाचित बरफुकन के बेटे-बेटियां हैं, और अपनी आख़िरी सांस और आखिरी बूंद खून तक असम और अपनी पहचान की रक्षा करेंगे. मैं साफ कहना चाहता हूं कि बांग्लादेशियों का असम में कोई स्वागत नहीं है, यह उनकी जमीन नहीं है. जो लोग उनसे हमदर्दी रखते हैं, वे चाहें तो उन्हें अपने घरों में जगह दें. असम किसी भी हालत में अवैध घुसपैठियों के हाथों नहीं सौंपा जाएगा-न अब, न कभी.'
असम बीजेपी के एक्स हैंडल से सैयदा का एक वीडियो साझा करते हुए लिखा गया है- 'यह हैं सैयदा हमीद, जो कांग्रेस सरकार के दौर में योजना आयोग की सदस्य रह चुकी हैं. जरा सोचिए, अगर उन्हें असम में अवैध बांग्लादेशियों के “हक” की इतनी चिंता है, तो क्यों न उन्हें अपने ही घर में जगह दें? शायद उनके हमख्याल दोस्त भी इस बोझ को बांट सकते हैं
सैयदा हमीद ने एक प्रतिनिधिमंडल के साथ असम का दौरा किया. इस प्रतिनिधिमंडल में सैयदा हमीद के अलावा हर्ष मंदर, वजाहत हबीबुल्ला, फयाज शाहीन, प्रशांत भूषण, जवाहर सरकार शामिल रहे. इन लोगों ने सरकार द्वारा खाली कराए गए इलाकों का दौरा किया. इस दौरान मीडिया से बात करते हुए सैयदा हमीद ने कहा कि 'बांग्लादेशी होना क्या गलत है? वे भी इंसान हैं. धरती बड़ी है, बांग्लादेशी भी यहां रह सकते हैं. वे किसी का अधिकार नहीं छीने हैं, लेकिन सरकार कह रही है कि वे दूसरों का अधिकार छीन रहे हैं. हमीद ने कहा, यह बेहद गलत और मनुष्यता के लिए हानिकारक है. वे भी इंसान हैं, अल्लाह ने यह धरती लोगों के लिए बनाई है, शैतान के लिए नहीं. अगर कोई इंसान कहीं रह रहा है, तो उसे इतनी बेरहमी से क्यों निकाला जाए?