जायस: डीएम साहब! तथाकथित पत्रकारो पर कार्यवाही करो तो कुछ बात बने
August 20, 2025
जायस/अमेठी। एक तरफ प्रदेश की योगी सरकार भष्टाचार को लेकर हर विभाग पर अकुंश लगाने मे शत-प्रतिशत सफल नजर आ रही है। वही दूसरी तरफ अमेठी जनपद में अपने आपको कुछ तथाकथित पत्रकार रजिस्टर्ड पत्रकार बताकर विभिन्न विभागों व जनसामान्य से पत्रकारिता का धौंस दिखाकर धन उगाही कर सरकार के भ्रष्टाचारी खात्मे के मंसूबों पर पानी फेर सरकारी हुक्मरानों से लेकर जनसामान्य तक को त्रस्त कर रखे हैं। बात करते अमेठी जिले के कस्बा जायस की जायस कस्बा में देखा जाये तो हाल मे तथाकथित पत्रकारो की बाढ़ सी आ गयी है।
आपको को बताते चलें की अमेठी जनपद के तिलोई तहसील के अन्तर्गत नगर पालिका जायस कस्बे मे एक से बढकर एक वरिष्ठ पत्रकार मौजूद है जो चैथे स्तंभ की गरिमा को संजोकर रखे हुये है। लेकिन समय का दौर इस तरह करवट लिया की हाल मे ही तथाकथित नये पत्रकारो की बाढ़ आ गयी है। देखा जाये तो कुछ तथाकथित अपने आपको को पत्रकार बताने वाले नव युवक सदियों से छोटे मोटे धन्धा करते चले आ रहे थे, उसी के सहारे अपना व अपने परिवार का जीवन यापन कर रहे थे , लेकिन समय का फेर इस तरह करवट लिया की हाल मे ही बहुत कम दिनो के अन्दर अपने आपको वरिष्ठ बडे पत्रकारो के लिस्ट मे अपना नाम जोडकर अपने आपको बडा पत्रकार बताकर ये तथाकथित पत्रकार क्षेत्र मे धन उगाही करने का काम कर रहे है। अगर देखा जाये तो ऐसे तथाकथित लोगो का रहन सहन कायाकल्प बहुत कम दिनो के अन्दर बदल गया। यही नही ये तथाकथित पत्रकार स्थानीय प्रशासन से लेकर जिले भर मे फर्जी काम करवाने का ठेका भी लेे लेते है। काम के नाम पर रिश्वत मिलनी चहिये काम कही का हो काम हो या न हो बस रिश्वत मिलनी चहिये ये तथाकथित पत्रकार अपने गले मे आई-कार्ड की तबीज पहनकर सरकारी अधिकारियों पर अपना रौब दिखाने मे भी कोई कसर नही छोड रहे है। वही जायस कस्बा निवासी कुछ कॉलेज के प्रबन्धक व ढाबा मालिक वह निजी अस्पताल के मालिक नाम न छापने के शर्त पर बताया की इन तथाकथित पत्रकारो से हम लोग बहुत परेशान है। अगर उनके मुताबिक कार्य न करे तो फर्जी खबर छापने की धमकी भी देते है। हद तो तब हो गयी एक ढाबा मालिक की माने तो उसने बताया की मेरे ढाबे पर पहले इन्ही तथाकथित पत्रकारों ने एक हजार का डिमांड किया ढाबा मालिक ने पैसा देने से इन्कार किया तो तथाकथित पत्रकार ने कहा की चलो खाना ही पैक कर दो, सूत्रों की माने तो मिठाई विक्रेता, ढाबा मालिक निजी स्कूल संचालक प्राईवेट हॉस्पिटल मालिक आदि लोग ये नव युवक तथाकथित पत्रकारो से परेशान नजर आ रहे है। चैथे स्तम्भ को बदनाम करने वाले तथाकथित अपने आपको पत्रकार बताकर धन ऊगाही करने वाले ऐसे लोगो पर कब होगी कार्यवाही। देखा जाये तो इन तथाकथित पत्रकारो से स्थानीय खाकी व शासन प्रसाशन भी दूरी बनाकर चलना चाहती है। फिर भी ये तथाकथित अपने गले मे आई कार्ड की तबीज पहनकर कस्बा वासियों से फायदा उठाते रहते है। आज के दौर में देखा जाए तो थाने ,तहसीलों,विद्युत विभागों में तथाकथित दलाल पत्रकारो का जमावड़ा लगा रहता है।