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रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने संसद में बताया! नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर कैसे मची थी भगदड़


रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने शुक्रवार (1 अगस्त, 2025) को राज्यसभा में बताया कि इस साल 15 फरवरी को नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर हुई भगदड़ की मुख्य वजह एक यात्री के सिर से भारी सामान का गिरना था, जिसके बाद मची अफरातफरी ने भगदड़ का रूप ले लिया और इस दर्दनाक हादसे में 18 लोगों की मौत हो गई थी जबकि 15 लोग घायल हुए थे.

रेल मंत्री ने बताया कि इस हादसे की जांच के लिए बनाई गई एक हाई लेवल कमिटी ने अपनी रिपोर्ट सौंप दी है. रिपोर्ट में कहा गया है कि हादसा रात करीब 8:48 बजे प्लेटफॉर्म नंबर 14/15 को जोड़ने वाले फुट ओवर ब्रिज- 3 की सीढ़ियों पर हुआ. हादसे के वक्त प्रयागराज जाने वाली ट्रेनों में सवार होने के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर मौजूद थे.

रिपोर्ट के मुताबिक कई यात्री सिर पर भारी-भरकम लदे सामान के साथ चल रहे थे, जिससे फुट ओवर ब्रिज पर सुचारू रूप से यात्रियों का चलना मुश्किल हो रहा था और इसी दौरान एक यात्री के सिर से भारी सामान गिर गया, जिससे सीढ़ियों पर दबाव बढ़ गया और यात्री एक-दूसरे पर गिरने लगे. रिपोर्ट में कहा गया है कि यह भगदड़ प्लेटफॉर्म नंबर 14/15 की सीढ़ियों तक ही सीमित रही थी.

आपको बता दें कि इस हादसे में 18 लोगों की जान चली गई थी, जिनमें 11 महिलाएं और 4 बच्चे शामिल थे. इसके बाद रेलवे के पांच वरिष्ठ अधिकारियों, जिनमें दिल्ली मंडल के DRM भी शामिल थे, का ट्रांसफर कर दिया गया था.

रेल मंत्री ने ये भी बताया कि भविष्य में ऐसी घटना दोबारा न हो इसके लिए रेलवे की ओर से कई कदम भी उठाए गए हैं. अब रेलवे ने भीड़भाड़ वाले देश के 73 प्रमुख रेलवे स्टेशनों पर 'स्टेशन डायरेक्टर' को नियुक्त करने का फैसला किया है. स्टेशन डायरेक्टर को ये अधिकार भी होंगे कि स्टेशन पर भीड़ कम करने के लिए वह मौके पर ही 'ऑन द स्पॉट' ज़रूरी और तत्काल फैसले ले सकेंगे जैसे ट्रेन की उपलब्धता और क्षमता के अनुसार टिकटों की बिक्री को सीमित कर सकते हैं जिससे प्लेटफॉर्म पर भीड़ का दबाव न बढ़े.

इसके अलावा 73 स्टेशनों के बाहर परमानेंट होल्डिंग एरिया बनाने का काम भी किया जा रहा है. फिलहाल पांच स्टेशनों नई दिल्ली, आनंद बिहार, गाजियाबाद, अयोध्या, वाराणसी पर परमानेंट होल्डिंग एरिया के लिए पायलट प्रोजेक्ट चल रहा है. कन्फर्म्ड टिकट वाले यात्रियों की ही सीधे प्लेटफॉर्म पर एंट्री होगी जबकि बिना टिकट वाले और वेटिंग टिकट वाले यात्रियों को होल्डिंग एरिया में रहना होगा जब तक ट्रेन प्लेटफार्म पर न आ जाए.

इसके अलावा क्राउड मैनेजमेंट को बेहतर बनाने के लिए रेलवे फुट ओवर ब्रिज को और चौड़ा करने जैसे 12 मीटर चौड़े और 6 मीटर चौड़े FOB का काम किया जा रहा है. क्राउड मैनेजमेंट के लिए स्टेशनों पर सीसीटीवी निगरानी, वॉकी-टॉकी, एनाउंसमेंट सिस्टम और वॉर रूम की भी व्यवस्था की जा रही है.

रेल मंत्री ने बताया कि घटना के बाद भीड़ प्रबंधन के लिए कई अहम कदम उठाए गए हैं. देशभर के 73 रेलवे स्टेशनों पर स्थायी होल्डिंग एरिया बनाए जाएंगे. नई दिल्ली, आनंद विहार, वाराणसी, अयोध्या और गाजियाबाद में पायलट प्रोजेक्ट की शुरुआत हो चुकी है.

उन्होंने कहा कि भीड़ प्रबंधन के लिए दो नए मानक फुट ओवर ब्रिज डिज़ाइन 12 मीटर (40 फीट) और 6 मीटर (20 फीट) चौड़ाई के विकसित किए गए हैं. इनमें रैंप भी शामिल हैं, जो महाकुंभ के दौरान भीड़ नियंत्रण में प्रभावी साबित हुए. अब इन चौड़े एफओबी को सभी बड़े स्टेशनों पर स्थापित किया जाएगा.

इसके अलावा सभी प्रमुख रेलवे स्टेशनों पर एक वरिष्ठ अधिकारी को स्टेशन डायरेक्टर नियुक्त किया जाएगा, जो सभी विभागों का नेतृत्व करेगा और आपात स्थिति में त्वरित निर्णय लेने के लिए वित्तीय अधिकारों से सशक्त होगा.

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