शुभांशु शुक्ला की घर वापसी, जानें कब अनडॉक होगा स्पेसक्राफ्ट
July 14, 2025
अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) में 18 दिन बिताने के बाद भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला सोमवार को धरती पर वापसी की यात्रा के लिए रवाना होंगे। राकेश शर्मा (1984) के बाद शुक्ला अंतरिक्ष की यात्रा करने वाले दूसरे भारतीय अंतरिक्ष यात्री हैं।‘एक्सिओम स्पेस’ ने एक बयान में कहा, ‘‘पृथ्वी पर 22.5 घंटे की यात्रा के बाद चालक दल के कैलिफोर्निया तट पर तड़के चार बजकर 31 मिनट (भारतीय समयानुसार मंगलवार को दोपहर तीन बजकर एक मिनट) पर उतरने की उम्मीद है।’’
अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) में 18 दिन बिताने के बाद भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला सोमवार को धरती पर वापसी की यात्रा के लिए रवाना होंगे। राकेश शर्मा (1984) के बाद शुक्ला अंतरिक्ष की यात्रा करने वाले दूसरे भारतीय अंतरिक्ष यात्री हैं।‘एक्सिओम स्पेस’ ने एक बयान में कहा, ‘‘पृथ्वी पर 22.5 घंटे की यात्रा के बाद चालक दल के कैलिफोर्निया तट पर तड़के चार बजकर 31 मिनट (भारतीय समयानुसार मंगलवार को दोपहर तीन बजकर एक मिनट) पर उतरने की उम्मीद है।’’
धरती पर लौटते समय अंतरिक्ष यान लगभग 1,600 डिग्री सेल्सियस तापमान का सामना करेगा। पैराशूट दो चरणों में काम करेंगे। पहले चरण में लगभग 5.7 किलोमीटर की ऊंचाई पर स्टेबलाइजेशन पैराशूट और उसके बाद दूसरे चरण में लगभग दो किलोमीटर की ऊंचाई पर मुख्य पैराशूट अपना काम करेगा। ‘अनडॉकिंग’ के लगभग 22.5 घंटे बाद कैलिफोर्निया के तट पर यान के उतरने की उम्मीद है और अंतरिक्ष कैप्सूल को एक विशेष जहाज के जरिए वापस लाया जाएगा।
रविवार को अभियान के 73 अंतरिक्ष यात्रियों ने शुक्ला, कमांडर पैगी व्हिटसन और पोलैंड के मिशन विशेषज्ञ स्लावोज उज्नान्स्की-विस्नीव्स्की एवं हंगरी के टिबोर कापू सहित एक्सिओम-4 मिशन के चालक दल के लिए एक पारंपरिक विदाई समारोह का आयोजन किया। एक्सिओम-4 मिशन के जरिए चार दशकों से भी अधिक समय के बाद भारत, पोलैंड और हंगरी की अंतरिक्ष में वापसी हुई है। शुक्ला ने रविवार को अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर विदाई समारोह में कहा, ‘‘जल्दी ही धरती पर मुलाकात करते हैं।’’
शुक्ला ने उस समय को याद किया जब उनके आदर्श राकेश शर्मा 41 साल पहले अंतरिक्ष की यात्रा पर गए थे और बताया था कि वहां से भारत कैसा दिखता था। शुक्ला ने कहा, ‘‘हम सभी अब भी यह जानने के लिए उत्सुक हैं कि आज भारत ऊपर से कैसा दिखता है। आज का भारत महत्वाकांक्षी दिखता है। आज का भारत निडर दिखता है, आज का भारत आत्मविश्वास से भरा दिखता है। आज का भारत गर्व से पूर्ण दिखता है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘इन सभी कारणों से मैं एक बार फिर कह सकता हूं कि आज का भारत अब भी ‘सारे जहां से अच्छा’ दिखता है।’’
शुक्ला ने कहा, ‘‘25 जून को जब मैंने फाल्कन-9 पर उड़ान भरी थी तब मैंने इसकी कल्पना भी नहीं की थी। मुझे लगता है कि इसमें शामिल लोगों की वजह से यह अविश्वसनीय रहा है। मेरे (एक्सपेडिशन 73 चालक दल) पीछे खड़े लोगों ने इसे हमारे लिए वाकई खास बना दिया है। यहां आकर और आप जैसे पेशेवरों के साथ काम करके मुझे बहुत खुशी हुई।’’
अंतरिक्ष यात्रियों को धरती के वातावरण के अनुकूल स्थिति में लौटने के लिए पुनर्वास में लगभग सात दिन बिताने होंगे। अंतरिक्ष यात्रियों को अंतरिक्ष स्टेशन पर भारहीनता के विपरीत धरती के गुरुत्वाकर्षण के प्रभाव में जीवन के साथ सामंजस्य बिठाना होगा। शुक्ला के लिए यह एक ऐतिहासिक यात्रा रही है, जो आईएसएस की यात्रा करने वाले पहले भारतीय बने हैं।