सफेदाबाद/बाराबंकी। सौंदर्य की आड़ में स्वास्थ्य को नजरअंदाज न करें, वरना आने वाली पीढ़ियां मधुमेह के दलदल में उलझ जाएंगी यह बातें सफेदाबाद स्थित हिंद मेडिकल कॉलेज में मधुमेह अनुसंधान एवं कल्याण संघ द्वारा आयोजित स्नातकोत्तर मधुमेह सर्टिफिकेट पाठ्यक्रम के दीक्षांत समारोह अवसर पर बतौर मुख्य अतिथि कल्याण सिंह सुपर स्पेशलिटी कैंसर इंस्टीट्यूट के निदेशक डॉ. एमएलबी. भट्ट ने कही। उन्होंने देश में मधुमेह की भयावह स्थिति पर गहरी चिंता जताते हुए कहा कि भारत आज दुनिया की डायबिटीज कैपिटल बन चुका है ,जहां 11 करोड़ से अधिक लोग मधुमेह के शिकार हो चुके हैं।अपने उद्बोधन में डॉ. भट्ट ने कहा, अगर आज हमने खानपान और जीवनशैली में बदलाव नहीं किया, तो भविष्य मधुर नहीं, मधुमेह से भरा होगा।उन्होंने योग, प्राणायाम, सूर्य नमस्कार व प्राकृतिक जीवनशैली अपनाने की अपील की। उन्होंने विशेष रूप से महिलाओं से अपील की कि वे लंबे दस्तानों में हाथ छिपाने जैसे फैशन ट्रेंड्स को छोड़ें, जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हैं।डॉ. भट्ट ने गेहूं के बजाय पारंपरिक मोटे अनाज जैसे मक्का, बाजरा, ज्वार, सावाँ, कोदव, चना और जौ को भोजन में शामिल करने की सलाह दी। साथ ही सहजन की सब्जी को प्राकृतिक अमृत बताते हुए हर घर में कम से कम दो सहजन के पेड़ लगाने का आह्वान किया।
दीक्षांत समारोह में संस्थान के आचार्य प्रो. सचान ने कहा, चिकित्सा विज्ञान चाहे जितनी प्रगति कर ले, लेकिन जीवनशैली में सुधार के बिना स्वास्थ्य नहीं बच सकता।उन्होंने स्वास्थ्य की रक्षा के चार सूत्र बताए परिश्रम, शुद्ध सात्विक आहार, ब्रह्म मुहूर्त में जागरण और भावनात्मक संतुलन ।इस अवसर पर मेडिकल, पैरामेडिकल और नर्सिंग के सैकड़ों विद्यार्थियों को उपाधियां प्रदान कर उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की गई। मंच पर प्राचार्य प्रो. दीपक मालवीय, सीईओ वरुण श्रीवास्तव, वाइस डीन डॉ. देवाशीष मुखर्जी, डॉ. संजय पाटनी, डॉ. एनके सिंह, डॉ. अभिषेक, डॉ. आकाश कुमार सिंह और डॉ. अंकुर सिंह भी मौजूद रहे।