बाराबंकी। विकासखंड हरख के अंतर्गत बांग्ला बाजार स्थित पुलिस चैकी के पास ग्रामीणों को शुद्ध और ठंडा पेयजल उपलब्ध कराने के उद्देश्य से लगने वाला वाटर कूलर केवल शिलापट्ट तक ही सीमित रह गया है। सरकार की बहुप्रतीक्षित योजना 15वां केंद्रीय वित्त आयोग के अंतर्गत स्वीकृत इस सुविधा का लोकार्पण क्षेत्रीय विधायक गौरव रावत और ब्लॉक प्रमुख रवि रावत द्वारा दो माह पूर्व बड़े उत्साह के साथ किया गया था ।लोकार्पण का पत्थर तो गाड़ दिया गया, लेकिन आज तक न तो कूलर आया और न ही एक बूंद पानी बहा।
गर्मी के इन दिनों में जब राहगीर उम्मीद से पुलिस चैकी के पास बने प्लांट की ओर नजरें उठाते हैं, तो वहां उन्हें केवल एक अधूरा ढांचा और सूखी पाइपें मिलती हैं। प्यास से बेहाल ग्रामीण और बाजार में आने वाले राहगीरों को मजबूरी में निजी दुकानों से ठंडा पानी खरीद कर पीना पड़ रहा है।सरकारी धन से बना यह वाटर कूलर प्लांट कागजों में चालू है, लेकिन जमीनी हकीकत प्यासे होंठों और टूटती उम्मीदों की कहानी कह रही है। जहां यह योजना ग्रामीणों के लिए राहत बनकर आनी थी, वहीं अब यह असंवेदनशीलता की एक मिसाल बनती जा रही है।ग्रामीणों में भारी रोष है। लोगों का कहना है कि अगर सिर्फ पत्थर लगाना ही काम है, तो फिर प्यासे लोगों की सुध कौन लेगा? एक ओर सरकार पेयजल सुविधाओं के विस्तार की बात करती है, वहीं दूसरी ओर बनी योजनाएं अधूरी छोड़ दी जाती हैं।
यह मामला न सिर्फ प्रशासनिक उदासीनता को उजागर करता है, बल्कि आम जनमानस की उस उम्मीद को भी आहत करता है जो हर योजना से जुड़ी होती है। जरूरत है कि अधिकारी और जनप्रतिनिधि सिर्फ पत्थर न लगाएं, बल्कि प्यास बुझाने का इंतजाम भी सुनिश्चित करें।