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ओला, उबर और रैपिडो की याचिका पर सुनवाई के दौरान कर्नाटक हाईकोर्ट में बोली महिला-न सिर्फ सस्ती बल्कि सेफ भी है बाइक टैक्सी


कर्नाटक में बाइक टैक्सी पर जारी प्रतिबंध के मुद्दे पर बुधवार (2 जुलाई, 2025) को हाईकोर्ट में एक महत्वपूर्ण सुनवाई के दौरान महिला यात्रियों ने कहा कि दोपहिया वाहन सेवा न सिर्फ सस्ती और सुविधाजनक है, बल्कि उनके लिए सबसे सुरक्षित यात्रा विकल्पों में से एक है.

कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश वी कामेश्वर राव और जस्टिस सी एम जोशी की पीठ ओला, उबर और रैपिडो की ओर से दायर अपील पर सुनवाई कर रही थी. इसमें एकल न्यायाधीश के अप्रैल के आदेश को चुनौती दी गई है, जिसके तहत उनके परिचालन पर रोक लगा दी गई थी.

पूर्व के फैसले में कहा गया था कि मोटर वाहन अधिनियम, 1988 की धारा 93 के तहत विशिष्ट दिशानिर्देशों के अभाव में बाइक टैक्सी एग्रीगेटर’ राज्य में कानूनी रूप से बाइक टैक्सी सेवाएं नहीं दे सकते.

अदालत ने यह भी निर्णय दिया था कि राज्य के परिवहन विभाग को मोटरसाइकिलों को परिवहन वाहन के रूप में पंजीकृत करने या अनुबंधित कैरिज परमिट जारी करने के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता.

मामले में पक्षकार बनाए जाने का अनुरोध कर रही एक महिला यात्री की ओर से सीनियर एडवोकेट जयना कोठारी ने अदालत से उन महिलाओं की आवाज पर विचार करने का आग्रह किया, जो रोजाना बाइक टैक्सी पर निर्भर रहती हैं.

अन्य राज्यों में सुरक्षा प्रोटोकॉल पर अदालत के सवालों के जवाब में, कोठारी ने पश्चिम बंगाल में रात के समय प्रतिबंध और महिला बाइक टैक्सी चालकों को प्रोत्साहित करने के प्रयासों के साथ-साथ सवारियों की पृष्ठभूमि जांच समेत अन्य उपायों का हवाला दिया. उन्होंने दलील दी कि ये नियामक कदम सेवा को अधिक सुरक्षित और समावेशी बनाते हैं.

राजस्थान की नीति का हवाला देते हुए उन्होंने बताया कि चालकों का पुलिस सत्यापन अनिवार्य है और नाबालिगों के वाहन चलाने पर रोक है. उबर का प्रतिनिधित्व कर रहे सीनियर एडवोकेट उदय होला ने भी प्रतिबंध हटाने के पक्ष में बात की. उन्होंने बताया कि तमिलनाडु और केरल जैसे राज्यों ने पहले बाइक टैक्सी पर प्रतिबंध लगा दिया था, लेकिन अब उन्होंने अपनी नीतियों में संशोधन करके उन्हें अनुमति दे दी है.

बेंगलुरु के सीमित मेट्रो कवरेज का हवाला देते हुए होला ने अंतिम गंतव्य तक कनेक्टिविटी के लिए दोपहिया वाहन सेवा के महत्व पर जोर दिया. उन्होंने दलील दी, 'यहां मेट्रो सिस्टम को देखें. यहां केवल दो लाइनें हैं. अधिक लाइनों के साथ भी, वे पूरे शहर को कवर नहीं करेंगे.' होला ने हालिया आंकड़े का हवाला दिया, जिसमें दिखाया गया कि बाइक टैक्सी पर प्रतिबंध के बाद बेंगलुरु में यातायात जाम में 18 प्रतिशत की वृद्धि हुई है.

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