लखनऊ। लखनऊ सीतापुर हाईवे पर इटौंजा स्थित लखनऊ इंटरनेशनल पब्लिक स्कूल के सामने सरकारी पेड़ों को अवैध रूप से मिट्टी से पाटने का गंभीर मामला सामने आया है। बताया जा रहा है कि कई दर्जन डंपर मिट्टी डालकर सड़क किनारे के इन पेड़ों को ढंका जा रहा है, जिससे उनका अस्तित्व खतरे में पड़ गया है। वहीं इस घटना ने पर्यावरण प्रेमियों और स्थानीय लोगों में गहरा रोष पैदा कर दिया है, खासकर तब जब वन सप्ताह जैसा महत्वपूर्ण अभियान चल रहा है। वहीं सूत्रों के अनुसार, यह काम कथित मिलीभगत से चल रहा है। जिससे अवैध मिट्टी खनन को बढ़ावा मिल रहा है। वहीं बीकेटी तहसील प्रशासन के अधिकारी और वन अधिकारी भी इस मामले में घोर लापरवाही बरत रहे हैं। जिससे वृक्षों के साथ यह खिलवाड़ जारी है। वहीं एनएचएआई (छभ्।प्) के अधिकारियों पर भी अनदेखी का आरोप लग रहा है, क्योंकि उनकी निगरानी में ही हाईवे पर यह सब हो रहा है। वहीं पेड़ों को मिट्टी से पूरी तरह ढकने से उन्हें पर्याप्त ऑक्सीजन और पानी नहीं मिल पाता, जिससे वे धीरे-धीरे सूख सकते हैं। यह न केवल सरकारी संपत्ति का नुकसान है, बल्कि पर्यावरण संतुलन के लिए भी बड़ा खतरा है। वहीं सवाल यह है कि आखिर किसकी शह पर और किस उद्देश्य से सरकारी पेड़ों को इस तरह नष्ट किया जा रहा है। स्थानीय नागरिकों और पर्यावरण कार्यकर्ताओं ने इस अवैध गतिविधि को तत्काल रोकने और इसमें शामिल सभी जिम्मेदार व्यक्तियों, चाहे वे खनन माफिया हों या सरकारी अधिकारी, के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की मांग की है। क्या प्रशासन इस गंभीर पर्यावरणीय अपराध पर संज्ञान लेगा और इन हरे-भरे जीवन को बचाने के लिए कदम उठाएगा।
लखनऊः एल.आई.पी.एस.स्कूल की मिली भगत से सरकारी पेड़ों को मिट्टी से पाटा जा रहा,लापरवाहीं का आरोप
July 05, 2025
लखनऊ। लखनऊ सीतापुर हाईवे पर इटौंजा स्थित लखनऊ इंटरनेशनल पब्लिक स्कूल के सामने सरकारी पेड़ों को अवैध रूप से मिट्टी से पाटने का गंभीर मामला सामने आया है। बताया जा रहा है कि कई दर्जन डंपर मिट्टी डालकर सड़क किनारे के इन पेड़ों को ढंका जा रहा है, जिससे उनका अस्तित्व खतरे में पड़ गया है। वहीं इस घटना ने पर्यावरण प्रेमियों और स्थानीय लोगों में गहरा रोष पैदा कर दिया है, खासकर तब जब वन सप्ताह जैसा महत्वपूर्ण अभियान चल रहा है। वहीं सूत्रों के अनुसार, यह काम कथित मिलीभगत से चल रहा है। जिससे अवैध मिट्टी खनन को बढ़ावा मिल रहा है। वहीं बीकेटी तहसील प्रशासन के अधिकारी और वन अधिकारी भी इस मामले में घोर लापरवाही बरत रहे हैं। जिससे वृक्षों के साथ यह खिलवाड़ जारी है। वहीं एनएचएआई (छभ्।प्) के अधिकारियों पर भी अनदेखी का आरोप लग रहा है, क्योंकि उनकी निगरानी में ही हाईवे पर यह सब हो रहा है। वहीं पेड़ों को मिट्टी से पूरी तरह ढकने से उन्हें पर्याप्त ऑक्सीजन और पानी नहीं मिल पाता, जिससे वे धीरे-धीरे सूख सकते हैं। यह न केवल सरकारी संपत्ति का नुकसान है, बल्कि पर्यावरण संतुलन के लिए भी बड़ा खतरा है। वहीं सवाल यह है कि आखिर किसकी शह पर और किस उद्देश्य से सरकारी पेड़ों को इस तरह नष्ट किया जा रहा है। स्थानीय नागरिकों और पर्यावरण कार्यकर्ताओं ने इस अवैध गतिविधि को तत्काल रोकने और इसमें शामिल सभी जिम्मेदार व्यक्तियों, चाहे वे खनन माफिया हों या सरकारी अधिकारी, के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की मांग की है। क्या प्रशासन इस गंभीर पर्यावरणीय अपराध पर संज्ञान लेगा और इन हरे-भरे जीवन को बचाने के लिए कदम उठाएगा।