बाराबंकी । एक पेड़ मां के नाम केवल पौधारोपण अभियान ही नहीं बल्कि यह मां के सम्मान का एक राष्ट्रीय संदेश भी है। हमारे पूर्वजों द्वारा लगाए गए पेड़ आज भी समाज को छाया जीवन दायिनी प्राण वायु और फल हम सबको दे रहे हैं। यह बातें प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने यह आर्मी कैंट परिसर में पौधा रोपण अभियान एक पेड़ मां के नाम 2.0 अभियान में पौधारोपण के करने के बाद बताओ मुख्य अतिथि के रूप में कहीं। राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने केंट परिसर में पीपल बरगद व नीम (त्रिवेणी) पौधों को लगाकर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। प्रदेश में 1 दिन में 37 करोड़ पौध ऑन के रोपण की महत्वाकांक्षी योजना का बाराबंकी जिला भी साक्षी रहा। राज्यपाल आनंदीबेन पटेल द्वारा केंट परिसर में आयोजित यह पौधारोपण कार्यक्रम एक दिन में 37 करोड़ पौधों के रोपण की महत्वाकांक्षी योजना का एक अभिन्न हिस्सा रहा जो पर्यावरण संरक्षण एवं मंत्र सम्मान की परिकल्पना को साकार करता दिखा। बताओ मुख्य अतिथि के रूप में बोलते हुए उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी की तारीफ करते हुए कहा कि उन्होंने इस अभियान को पूरे देश के लिए एक उदाहरण के रूप में प्रस्तुत किया। राज्यपाल ने लोगों से अपील की की पर्यावरण संरक्षण के लिए हर नागरिक को अपने जीवन में छोटे-छोटे बदलाव करने पड़ेंगे उन्होंने प्रकृति के संरक्षण और संवर्धन की दिशा में मानवता को जोड़ते हुए अपील की की बड़ी-बड़ी गाड़ियों की जगह साइकिल के प्रयोग को जीवन का हिस्सा बनाने का समय आ गया है। साइकिल को अपने से वातावरण प्रदूषण मुक्त होगा जलवायु संरक्षण की आदतों को अपने और पौधों की नियमित देखभाल करने की आवश्यकता पर उन्होंने आम जनता का ध्यान केंद्रित कर उनके फायदे को भी गिनाया। राज्यपाल ने अपने संबोधन में बड़ी भावनात्मक अपील करते हुए कहा कि आज आवश्यकता है की जल जीवन और जंगल के साथ वायु संरक्षण की आदतों को जीवन में अपने और पौधों की नियमित देखभाल करने का संकल्प ले। राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने उनके द्वारा गोपी किए गए पौधों के संरक्षण व संवर्धन पर बल देते हुए कहा कि महत्वपूर्ण यह है कि मानसून के बाद इसकी नियमित देखभाल हो अभी इन पौधों का जीवन बढ़ सकेगा और हम इन्हें वृक्ष के रूप में देख सकेंगे। उन्होंने आम जनमानस से भी यह अपील की कि जिन लोगों ने प्रदेश सरकार के इस अभियान में अपना योगदान दिया है उनकी यह जिम्मेदारी बनती है कि आरोपित किए गए पौधों का वहां जाकर नियमित देखभाल कर एक शिशु की तरह उनकी देखभाल करें। उनके इस शब्दों में भावनात्मकता का पुट दिखाई पड़ा। राज्यपाल ने जिले में सामाजिक सहभागिता की दो ऐसी पहल की सराहना करते हुए कहा कि आंगनबाड़ी केदो में बच्चों के समग्र विकास के लिए 50 केदो को खेल किट प्रदान की गई है जो एक सराहनीय प्रयास है, उन्होंने सुझाव देते हुए कहा कि औद्योगिक इकाइयों को भी इस दिशा में बचे हुए शेष केदो में भी किस तरह के सब प्रयास करने चाहिए जिससे बच्चे हुए केंटो में भी बच्चों के लिए सामग्री उपलब्ध कराई जा सके। राज्यपाल ने छह रोगियों को 101 पोषण पोटली वितरित करने की प्रशंसा करते हुए इसे निस्वार्थ सेवा की मिसाल बताया उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि भारत में सबसे अधिक टीवी मरीज उत्तर प्रदेश में है और सरकार द्वारा दो वर्षों में देश को टीवी मुक्त करने के संकल्प कोई इस तरह के पल की आवश्यकता है। इस मौके पर प्रदेश सरकार में खाद्य रसद मंत्री सतीश चंद्र शर्मा ने राज्यपाल आनंदीबेन पटेल का स्वागत करते हुए कहा कि यह जिले के लिए गौरव का विषय है की प्रदेश में चलाए जा रहे हो वृहद वृक्षारोपण अभियान का राज्यपाल हिस्सा बैंड इस अभियान की साक्षी बनी । राज्य मंत्री ने राज्यपाल द्वारा जिले के लिए इस अभियान में बतौर मुख्य अतिथि हिस्सा लेना इस पल को गौरव और ऐतिहासिक पल बताया।
प्रदेश सरकार के खाद्य रसद मंत्री सतीश चंद्र शर्मा ने राज्यपाल आनंदी बेन पटेल का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि पूरे प्रदेश में 37 करोड़ पौधों का रोपण एक बड़ा लक्ष्य है उसमें जिले में 60 लाख पौधे रोकने का लक्ष्य अपने आप में एक अभूतपूर्व उपलब्धि है। राज्य मंत्री ने जनपद वासियों की तरफ से राज्यपाल के प्रति आभार व्यक्त किया।
करंट परिसर में आयोजित कार्यक्रम मे जिलाधिकारी शशांक त्रिपाठी ने बच्चों के समग्र विकास और क्षय रोगियों के प्रति राज्यपाल के अपनत्व व संवेदनशीलता और आत्मीयता के प्रति धन्यवाद और आभार ज्ञापित किया । यही नहीं डीएम ने मौजूद सभी जनप्रतिनिधियों एवं समाज के उन लोगों का भी आभार व्यक्त किया जो प्रदेश सरकार के इस अभियान की मुहिम मैं कदम ताल मिलाते हुए पौधा रोपण का हिस्सा बने।
प्रदेश भर में चल रहे पौधारोपण अभियान के साक्षी न केवल राज्यपाल रही बल्कि जिले के जनप्रतिनिधि व प्रशासनिक अमला भी इस वृहद अभियान का गुरूवार को साक्षी बना । राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने जहां पीपल बरगद नीम के पौधे का रोपण किया वहीं प्रदेश सरकार के खाद्य रसद मंत्री सतीश चंद्र शर्मा ने कचनार, एमएलसी अवनीश कुमार ने गुलमोहर, एमएलसी अंगद सिंह ने बाटल ब्रश , विधायक सा केंद्र प्रताप वर्मा ने कदम्ब प्रधान मुख्य वन संरक्षक ,अनुराधा विमुरी , नेहा भटनागर , करनाल सारिका मोहन सचिव बेसिक शिक्षा अदिति शर्मा व मुख्य बंद संरक्षक लखनऊ द्वारा बाटलब्रश पौधा रोपित किया गया ।
इस मौके पर प्रभागीय वनाधिकारी आकाशदीप बाधवन ने स्वागत सम्बोधन में जिले में पोधारोपण अभियान का संक्षिप्त विवरण दिया।इस मौके पर राज्यपाल आनंदीबेन पटेल द्वारा एक पेड़ मां के नाम थीम पर पौधारोपण पर बनाई गई लघु फिल्म की लांचिंग की गई।
राज्यपाल द्वारा इस मौके पर 05 आंगनबाड़ी किट ,05 पोषण पोटली ,05 समूह की महिलाओं को प्रशस्ति पत्र एवं 05 ग्रीन गोल्ड प्रमाण पत्र प्रदान किया गया।
राज्यपाल ने पौधारोपण अभियान की सराहना करते हुए इसे बड़ा भावनात्मक कदम बताया और कहा कि एक पेड़ मां के नाम अभियान हमें संवेदनात्मक रूप से मां के प्रति आभार व्यक्त करने का जरिया बना , यही नहीं हम इस धरा का भी आभार व्यक्त करते हैं जिसने हमें जीवन जीने के सारे खनिज पदार्थ उपलब्ध करायें , प्राणवायु, अन्न जल दिये जिसकी वजह से हम जीवन की कल्पना कर आगे बढ़ रहे हैं। उन्होंने इस पल को बड़े ही भावुकता पूर्ण पल के साथ अपनी अतीत की स्मृतियों को भी साझा करते हुए कहा कि उन्होंने पहले भी जहां जहां पौधारोपण किया उसे देखकर उन्हें सुखद अनुभूति हो रही कि वह अपनी शैशवास्था से युवावस्था को प्राप्त हुए।आज वह समाज के लिए फलदाई वृक्ष बन चुके। उन्होंने कहा किसानों द्वारा अपनी भूमि पर पौधारोपण करना और उन्हें वृक्ष पौधा उपलब्ध कराना बेहद प्रशंसनीय पहल है । इससे कृषकों की आय में मुनाफा होगा और उनकी आय दोगुनी होगी।भूमि की कम होती उपलब्धता को देखते हुए मियावकी पद्धति से वृक्षारोपण कराये जाने पर उन्होंने बल दिया।इस मौके पर जिलापंचायत अध्यक्ष राजरानी रावत, विधायक कुर्सी साकेन्द्र प्रताप वर्मा, विधान परिषद सदस्यगण अंगद सिंह एवं अवनीश सिंह पटेल, भारतीय जनता पार्टी के जिलाध्यक्ष अरविंद मौर्य, सचिव बेसिक शिक्षा सारिका मोहन, कर्नल नेहा भटनागर, प्रधान मुख्य वन संरक्षक श्रीमती अनुराधा वेमूरी, मुख्य वन संरक्षक अदिति शर्मा, जिलाधिकारी शशांक त्रिपाठी, पुलिस अधीक्षक अर्पित विजयवर्गीय एवं मुख्य विकास अधिकारी अन्ना सुदन, प्रभागीय वनाधिकारी आकाश दीप बधावन सहित अन्य जनप्रतिनिधि एवं अधिकारी द्वारा राज्यपाल का स्वागत किया गया।