डॉ. मीनाक्षी जैन (Dr. Meenakshi Jain) भारत की जानी-मानी इतिहासकार हैं, जिनका काम मुख्यतः मध्यकालीन और औपनिवेशिक भारत की सांस्कृतिक और धार्मिक प्रक्रियाओं पर केंद्रित रहा है. वह दिल्ली विश्वविद्यालय के गार्गी कॉलेज में इतिहास की एसोसिएट प्रोफेसर रह चुकी हैं. इसके अलावा उन्होंने नेहरू मेमोरियल म्यूजियम एंड लाइब्रेरी में फेलो के तौर पर और भारतीय ऐतिहासिक अनुसंधान परिषद (ICHR) की शासी परिषद की सदस्य के रूप में भी कार्य किया है. फिलहाल, वह भारतीय सामाजिक विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICSSR) की सीनियर फेलो हैं.
उनकी शोधपरक पुस्तकें अक्सर ऐतिहासिक विमर्श के केंद्र में रही हैं और राष्ट्रीय महत्व के विषयों पर सवाल उठाती रही हैं. वह रोमिला थापर और सतीश चंद्र जैसे इतिहासकारों के दृष्टिकोण को चुनौती देती रही हैं. डॉ. मीनाक्षी जैन का राज्यसभा में पहुंचना उस वैचारिक संघर्ष का परिणाम माना जा रहा है. इसे भारतीय इतिहास लेखन में 'परिवर्तन की राजनीति' का इनाम भी कहा जा रहा है. साल 2020 में उनके ऐतिहासिक शोध और लेखन के लिए भारत सरकार ने उन्हें पद्मश्री सम्मान से सम्मानित किया था.