आतंकी कसाब को फांसी दिलाने वाले उज्जवल निकम जाएंगे राज्यसभा
July 13, 2025
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने रविवार (13 जुलाई, 2025) को चार प्रतिष्ठित व्यक्तियों को राज्यसभा के लिए मनोनीत किया है. इनमें पूर्व राजनयिक हर्ष श्रृंगला, वरिष्ठ वकील उज्ज्वल निकम, इतिहासकार मीनाक्षी जैन और समाजसेवी सदानंदन मास्टर के नाम शामिल हैं.
इस लिस्ट में विशेष रूप से हर्ष श्रृंगला और उज्ज्वल निकम के नामों पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है, जो अपने-अपने क्षेत्रों में विशिष्ट योगदान के लिए पहचाने जाते हैं. हर्ष श्रृंगला भारत के पूर्व विदेश सचिव रह चुके हैं और अमेरिका में भारत के राजदूत के तौर पर भी सेवाएं दे चुके हैं. उन्हें कूटनीति और रणनीतिक मामलों का विशेषज्ञ माना जाता है.
उज्ज्वल निकम देश के जाने-माने विशेष सरकारी वकीलों में गिने जाते हैं, जिन्होंने कई हाई-प्रोफाइल और आतंकवाद से जुड़े मामलों में प्रभावशाली भूमिका निभाई है. उनका करियर 1991 में कल्याण बम विस्फोट मामले से सुर्खियों में आया, जिसमें उन्होंने मुख्य आरोपी रविंदर सिंह को दोषी ठहराने में अहम भूमिका निभाई. इसके बाद 1993 के मुंबई सिलसिलेवार बम धमाकों के केस में उन्हें राज्य सरकार की ओर से विशेष सरकारी वकील नियुक्त किया गया, जो उनके करियर का बड़ा मोड़ साबित हुआ.
निकम ने टाडा (TADA) अदालत में 14 साल से अधिक समय तक सेवाएं दीं और आतंकवाद से जुड़े मामलों में अभियोजन का नेतृत्व किया. उनका सबसे चर्चित मामला रहा 2008 का 26/11 मुंबई हमला, जिसमें उन्होंने पाकिस्तानी आतंकी अजमल कसाब के खिलाफ राज्य सरकार का पक्ष मजबूती से रखा. बाद में निकम ने खुलासा किया कि कसाब द्वारा जेल में मटन बिरयानी की मांग वाली बात उन्होंने जानबूझकर मीडिया के सामने फैलायी थी ताकि जनता के गुस्से को सही दिशा मिल सके. यह बयान लंबे समय तक चर्चा में रहा.