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प्रतापगढः प्राथमिक विद्यालयों के मर्जर के फैसले को प्रमोद व मोना ने गरीब छात्रों के हित में फौरन वापसी की उठाई मांग! राज्यसभा में विपक्ष के उपनेता व कांग्रेस विधानमण्डल दल की नेता ने प्रदेश में विद्युत आपूर्ति को लेकर भी सरकार की किया घेराबंदी


लालगंज/प्रतापगढ़। राज्यसभा में विपक्ष के उपनेता प्रमोद तिवारी व कांग्रेस विधानमण्डल दल की नेता आराधना मिश्रा मोना ने पाकिस्तानी सेना प्रमुख जनरल आसिम मुनीर के जम्मू कश्मीर को लेकर दिये गये बयान पर तीखा पलटवार किया है। राज्यसभा सदस्य प्रमोद तिवारी व विधायक आराधना मिश्रा मोना ने कहा कि यह बयान पूरी तरह से पाकिस्तान की हताशा का परिचायक है। नेताद्वय ने कहा कि आपरेशन सिंदूर में फौज की मार का दर्द पाकिस्तान को साल रहा है। उन्होने कहा कि जम्मू कश्मीर की जनता ने भारत के संविधान में पूरी आस्था रखते हुए लोकसभा, राज्यसभा तथा विधानसभा के चुनावों में भागीदारी करते हुए अपने प्रतिनिधियों का निर्वाचन कर भारत के संविधान को स्पष्ट मान्यता प्रदान की है। विधायक आराधना मिश्रा व राज्यसभा सांसद प्रमोद तिवारी ने कहा कि पाक अनाधिकृत कश्मीर भी बहुत जल्द भारत का अभिन्न अंग होगा। नेताद्वय ने कहा कि पाकिस्तान को यह समझना चाहिए कि जम्मू कश्मीर की विधानसभा में सीटें रिक्त रखी गयी हैं। उन्होने कहा कि पाक के अनाधिकृत कब्जे वाले कश्मीर की वापसी के बाद यह रिक्त सीटें वहां के प्रतिनिधियों का इंतजार कर रही हैं। वहीं राज्यसभा सदस्य प्रमोद तिवारी एवं कांग्रेस विधानमण्डल दल की नेता आराधना मिश्रा मोना ने उत्तर प्रदेश में सरकार द्वारा प्राथमिक विद्यालयों को बड़े पैमाने पर बंद करने के निर्णय को चिन्ताजनक करार दिया है। विधायक मोना ने कहा कि भाजपा की सरकार नहीं चाहती कि गरीब को शिक्षा का अधिकार मिल सके। उन्होने कहा कि सरकार के इस फैसले से गरीब तथा अनुसूचित जाति व पिछडे वर्ग के संसाधनविहीन छात्र स्कूल की दूरी होने के कारण शिक्षा ग्रहण करने के अधिकार से वंचित हो जाएंगे। कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य प्रमोद तिवारी ने कहा कि सरकारी स्कूलों के बंद होने के बाद उन स्थानों पर प्राइवेट स्कूल खुलेंगे। उन्होने कहा कि ऐसे निजी विद्यालयों में ट्रेंड व शिक्षित शिक्षक नहीं होंगे। वहीं राज्यसभा सदस्य प्रमोद तिवारी ने कहा कि इन निजी विद्यालयों में फीस अधिक होने से गरीब व्यक्ति अपनी बेटी व बेटे को नही पढ़ा पाएगा। उन्होने कहा कि सरकार के इस कदम द्वारा शिक्षा के उजाले से प्रदेश व देश को अंधेरे में धकेला जाना गंभीर चिन्ताजनक है। इधर राज्यसभा सदस्य प्रमोद तिवारी ने प्रदेश सरकार से फौरन इस अविवेकपूर्ण कदम को वापस लिये जाने पर जोर दिया है। वहीं राज्यसभा सदस्य प्रमोद तिवारी ने कहा कि प्रदेश में लोगों की मांग के अनुरूप बिजली की आपूर्ति सरकार नहीं कर पा रही है। उन्होने कहा कि रोस्टर के मुताबिक बिजली नहीं मिल पा रही है। उन्होने कहा कि बिजली विभाग का निजीकरण करके सरकार इसे पूंजीपतियों के हाथों सौपना चाहती है। उन्होनें कहा कि सरकार अतिरिक्त बिजली की उपलब्धता को लेकर नार्दन ग्रिड से सरप्लस बिजली खरीदकर प्रदेश के लोगों को रोस्टर के अनुसार बिजली की आपूर्ति सुनिश्चित करें। वही उन्होने पूर्वाचल विद्युत वितरण निगम वाराणसी में बिजली विभाग के कुछ कर्मचारियों की छंटनी को असंवेदनशील बताया। उन्होने सरकार से मानवीय आधार पर कर्मचारियों की छंटनी पर तत्काल रोक लगाए जाने को कहा है। राज्यसभा सदस्य प्रमोद तिवारी व कांग्रेस विधानमण्डल दल की नेता आराधना मिश्रा मोना का संयुक्त बयान मंगलवार को मीडिया प्रभारी ज्ञानप्रकाश शुक्ल के हवाले से निर्गत हुआ है।

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