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बकरीद: न कोई रास्ता बंद होगा, न नई परंपरा शुरू होगी-डीजीपी राजीव कृष्ण


बकरीद का त्योहार सात जून को मनाया जाएगा। ऐसे में उत्तर प्रदेश प्रशासन ने कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए पूरी तैयारी कर ली है। राज्य के डीजीपी राजीव कृष्ण ने शांतिपूर्वक तरीके से त्योहार मनाने के लिए दिशा निर्देश भी जारी कर दिए हैं। ईद-उल-जुहा (बकरीद) त्यौहार को सकुशल तरीके से संपन्न कराने के लिए सभी पुलिस थानों को निर्देश दिए गए हैं। डीजीपी की तरफ से साफ तौर पर कहा गया है कि इस त्योहार के दौरान कोई नई परंपरा नहीं शुरू होनी चाहिए। इसे लेकर सभी धर्मगुरूओं/धार्मिक व्यक्तियों, पीस कमेटी, सिविल डिफेंस, नागरिकों के साथ स्थानीय मजिस्ट्रेट और अन्य विभागों के अधिकारियों की मौजूदगी में बातचीत भी हो चुकी है।

अधिकारियों ने पिछले कुछ सालों में बकरीद के मौके पर हुई घटनाओं की भी समीक्षा की है। इसके बाद मौजूदा स्थिति को देखते हुए किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए तैयारी और उपाय कर लिए गए हैं। पुलिस अधिकारियों ने सभी से बकरीद का त्योहार शांतिपूर्ण तरीके से मनाने की अपील की है और स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि इस दौरान कोई भी सार्वजनिक मार्ग बाधित नहीं होना चाहिए।

पुलिस अधिकारियों ने नगर निगम के साथ बात करके यह सुनिश्चित करने की कोशिश की है कि किसी भी प्रतिबंधित पशु की कुर्बानी नहीं दी जानी चाहिए। इसके अलावा पशुओं की कुर्बानी के बाद बचा हुआ हिस्सा खुले में न पड़ा रहे। इसे दफनाने के लिए सही व्यवस्था होनी चाहिए। कुर्बानी से जुड़ी कोई नई परंपरा नहीं शुरू होनी चाहिए। पुलिस ने सभी धार्मिक स्थलों के पास परेड भी निकाली है। इस दौरान यह भी जांच की गई कि कोई भी व्यक्ति आपत्तिजनक पोस्टर या पेंटिंग किसी दीवार पर न बनाए, जिससे तनाव बढ़ने की आशंका हो।

पुलिस ने उन लोगों की पहचान की जो धर्म को आधार बनाकर हिंसा फैलाने या तनाव बढ़ाने की कोशिश करते हैं। इनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई करते हुए यह सुनिश्चित किया गया कि त्योहार के दौरान कोई तनावपूर्ण स्थिति न बने। वहीं, दो पक्षों के बीच जो भी सांप्रदायिक विवाद थे उनका भी निपटारा किया गया। इसके साथ ही उन जगहों की पहचान की गई है, जहां सांप्रदायिक विवाद होने की आशंका बनी रहती है। इन जगहों पर पुलिस/पीएसी/होमगार्ड के जवान तैनात किए गए हैं।

यूपी में किसी भी तरह की परेशानी होने पर 112 नंबर डायल कर पुलिस से मदद मांगी जा सकती है। पुलिस की गाड़ियां हमेशा ही गश्त में रहती हैं। इन गाड़ियों में काम करने वाले पुलिसकर्मियों को अलर्ट मोड में रखा गया है। त्योहार के मौके पर ये गाड़ियां पहले से कम समय पर लोगों की मदद के लिए पहुंचेंगी। दंगे जैसी स्थिति के लिए जल्दी एक्शन लेने वाली टीमें बनाई गई हैं। दंगे को टालने के लिए एहतियाती कदम उठाए गए हैं।

यूपी पुलिस की टीम इस दौरान सोशल मीडिया पर भी नजर रखेगी और आपत्तिजनक पोस्ट करने वाले लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। आपत्तिजनक, समाज विरोधी तथा धार्मिक रूप से भड़काऊ पोस्ट करने वालों पर निगरानी रखी जा रही है। पुलिस अब तक 1178 पीस कमेटी/धर्म गुरूओं/शान्ति समितियों के साथ बात कर चुकी है। 2623 संदवेनशील स्थान/हाटस्पॉट चिह्नित किए गए हैं और 2134 क्विक रिस्पांस टीमें बनाई गयी हैं। हर जनपद में पहले से मौजूद पुलिसकर्मियों के अलावा पुलिस बल के अतिरिक्त मुख्यालय स्तर से अलग-अलग जनपदों में दो अपर पुलिस अधीक्षक, छह पुलिस उपाधीक्षक, 51 कंपनी पीएसी और तीन कम्पनी आरआरएफ के जवान तैनात किए गए हैं।

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