Type Here to Get Search Results !
BREAKING NEWS

CJI गवई के सामने तुषार मेहता ने दी तगड़ी दलील, कहा- यह भ्रम फैलाया जा रहा है कि वक्फ संपत्ति हड़प ली जाएगी


वक्फ संशोधन कानून को चुनौती देने के लिए दाखिल याचिकाओं पर सुनवाई में बुधवार (21 मई, 2025) को केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट में अपना पक्ष रखा. केंद्र ने कहा कि वक्फ एक इस्लामी अवधारणा है, लेकिन यह इस्लाम का जरूरी हिस्सा नहीं है. केंद्र ने यह भी कहा कि चैरिटी हर धर्म का हिस्सा है, लेकिन सुप्रीम कोर्ट कहता है कि किसी के भी लिए यह जरूरी नहीं है.

मंगलवार को याचिकाकर्ताओं की तरफ से सीनियर एडवोकेट कपिल सिब्बल, अभिषेक मनु सिंघवी और राजीव धवन ने दलीलें दीं. आज केंद्र का पक्ष रखने के लिए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता सुप्रीम कोर्ट में पेश हुए. मुख्य न्यायाधीश भूषण रामाकृष्ण गवई और जस्टिस ऑगस्टिन जॉर्ज मसीह की बेंच के सामने एसजी तुषार मेहता ने याचिकाकर्ताओं की उस आपत्ति पर जवाब दिया, जिसमें कहा गया कि नया वक्फ कानून संविधान के अनुच्छेद 25 और 26 का उल्लंघन करता है.

बार एंड बेंच की रिपोर्ट के अनुसार एसजी तुषार मेहता ने कहा, 'जब तक मैंने रिसर्च नहीं की थी तब तक मुझे इस्लाम धर्म के इस हिस्से के बारे में नहीं पता था कि वक्फ इस्लामिक अवधारणा है, लेकिन यह इस्लाम का जरूरी हिस्सा नहीं है.' उन्होंने कहा कि चैरिटी का कॉन्सेप्ट हर धर्म में मौजूद है. ईसाई धर्म में भी, लेकिन सुप्रीम कोर्ट कहता है कि किसी के लिए भी यह जरूरी नहीं है. एसजी तुषार मेहता ने कहा कि हिंदुओं में भी दान देने जैसी चीजें हैं और सिख धर्म में भी ऐसा ही है, लेकिन किसी भी धर्म में इसे जरूरी नहीं बताया गया है.

एसजी मेहता ने कहा कि अगर मान लें कि मुस्लिम समुदाय के ज्यादातर लोगों की फाइनेंशियल स्थिति ज्यादा अच्छी नहीं है और वह वक्फ नहीं कर पाते हैं, तो क्या वह मुस्लिम नहीं होंगे. यह सुप्रीम कोर्ट की ओर से किया गया एक परीक्षण है, ये निर्धारित करने के लिए कि कोई प्रथा आवश्यक धार्मिक प्रथा है या नहीं. उन्होंने कहा कि किसी भी धर्म में चैरिटी करना जरूरी नहीं है, इसी तरह इस्लाम में वक्फ है.

एसजी तुषार मेहता ने कहा कि वक्फ बाय यूजर मौलिक अधिकार नहीं है. इसे 1954 में कानून द्वारा मान्यता दी गई थी और उससे पहले बंगाल एक्ट में. उन्होंने एक फैसले का जिक्र करते हुए कहा कि अगर कोई अधिकार विधायी नीति के रूप में कानून द्वारा प्रदान किया गया है, तो उसे राज्य द्वारा हमेशा के लिए छीना जा सकता है.

Post a Comment

0 Comments
* Please Don't Spam Here. All the Comments are Reviewed by Admin.

Top Post Ad

Design by - Blogger Templates |