अमेठीः प्रहलाद चरित्र, हरि अवतार और समुद्र मंथन ने श्रोताओं को किया भावविभोर
May 28, 2025
अमेठी। क्षेत्र के सोनारी कनू गांव में चल रही श्रीमद्भागवत कथा के तीसरे दिन बुधवार को आचार्य श्रवण मांस मासनिकुंज महाराज ने भक्त प्रहलाद की अद्भुत भक्ति, भगवान के विभिन्न अवतारों तथा समुद्र मंथन जैसे दिव्य प्रसंगों का अत्यंत भावपूर्ण वर्णन किया। प्रवचन की शुरुआत प्रह्लाद चरित्र से करते हुए आचार्य निकुंज महाराज ने कहा कि भक्ति अगर निष्काम और सच्चे हृदय से की जाए तो भगवान स्वयं अपने भक्त की रक्षा के लिए अवतरित होते हैं। उन्होंने हिरण्यकशिपु के अत्याचार और प्रह्लाद की अटूट आस्था का वर्णन करते हुए कहा कि नृसिंह अवतार इसी भक्ति की जीत और अधर्म के अंत का प्रतीक है। इसके बाद उन्होंने हरि के विभिन्न अवतारों की महिमा का गुणगान किया मछ, कूर्म, वराह, वामन, परशुराम, राम, कृष्ण आदि अवतारों की कथाओं को संक्षिप्त रूप में प्रस्तुत करते हुए उन्होंने बताया कि भगवान हर युग में अधर्म के विनाश और धर्म की स्थापना के लिए अवतार लेते हैं। समुद्र मंथन प्रसंग का वर्णन करते हुए उन्होंने कहा कि यह केवल देव और असुरों का संघर्ष नहीं था, बल्कि यह जीवन के भीतर स्थित शुभ-अशुभ भावों के बीच चलने वाले संघर्ष का प्रतीक है। मंथन से प्राप्त अमृत, कल्पवृक्ष, ऐरावत, लक्ष्मी, और हलाहल विष जैसे तत्वों के माध्यम से उन्होंने गहन आध्यात्मिक संदेश दिए। उन्होंने बताया कि जब तक जीवन में धैर्य, संतुलन और सहयोग नहीं होता, तब तक अमृत की प्राप्ति संभव नहीं। कथा के दौरान संकीर्तन, भजन और जयकारों से पूरा पंडाल भक्ति के भाव में सराबोर हो गया। श्रद्धालु भावविभोर होकर कथा श्रवण करते रहे। इस अवसर पर ओमप्रकाश श्रीवास्तव, कंचन देवी, नीरज, अंकित, राजेंद्र, संदीप, सिपाही, चंद्रबली श्रीवास्तव, विक्की, किशन, छोटू सहित अनेक श्रद्धालु उपस्थित रहे।
