ऑपरेशन सिंदूर: भारत की एयरस्ट्राइक में मारे गए आतंकियों की लिस्ट
May 10, 2025
भारतीय सेना ने 6-7 मई की आधी रात को ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान और Pok में स्थित आतंकी ठिकानों पर हमला किया था. इस अटैक में 9 टेररिस्ट लॉन्च पैड को टारगेट किया गया था, जिसमें 100 आतंकियों के मारे जाने की पुष्टि भारत सरकार ने की थी. इस सिलसिले में कई आतंकियों के नाम भी जारी कर दिए गए, जिनकी मौत हुई थी. इस लिस्ट में लश्कर का टॉप कमांडर अबु जिंदाल, मसूद अजहर का बहनोई मोहम्मद जमील समेत कई अन्य आतंकी शामिल है.
ऑपरेशन सिंदूर में आतंकवादी संगठनों लश्कर-ए-तैयबा (LeT) और जैश-ए-मोहम्मद (JeM) से जुड़े कई टॉप के आतंकी मारे गए. ये आतंकी भारत में अलग-अलग हमलों में शामिल रह चुके थे. भारतीय सेना की एयरस्ट्राइक में मौलाना मसूद अजहर के परिवार से जुड़े 14 लोगों की मौत हो गई थी. इस पर मसूद अजहर ने कहा था कि काश ऊपर वाला उसे भी अपने पास बुला लेता.
ऑपरेशन सिंदूर में मारे गए प्रमुख आतंकवादी
1. मुदस्सर खदियान उर्फ अबु जिंदाल (लश्कर-ए-तैयबा)
अबु जिंदाल मुरिदके स्थित मरकज तैयबा का प्रमुख और लश्कर-ए-तैयबा का शीर्ष आतंकी कमांडर था. पाकिस्तान की सरकार और सेना ने इसके अंतिम संस्कार में विशेष सम्मान दिया. पाक सेना प्रमुख और पंजाब की मुख्यमंत्री मरियम नवाज ने पुष्पांजलि अर्पित की और सरकारी स्कूल परिसर में जनाजा पढ़ाया गया. इससे यह क्लीयर होता है कि पाकिस्तान सरकार और लश्कर के बीच गहरे संबंध हैं.
2. हाफिज मोहम्मद जमील (जैश-ए-मोहम्मद)
यह मौलाना मसूद अजहर का सबसे बड़ा साला था और बहावलपुर स्थित मरकज ‘सुब्हान अल्लाह’ का प्रमुख था. वह जैश में युवाओं को कट्टरपंथी बनाने और आतंकी संगठन के लिए फंडिंग जुटाता था.
3. मोहम्मद यूसुफ अजहर उर्फ उस्ताद जी (जैश-ए-मोहम्मद)
यूसुफ अजहर मसूद अजहर का दूसरा साला था, जो आतंकी संगठन जैश के हथियारों के ट्रेनिंग कैंप का काम संभालता था. वह जम्मू-कश्मीर में कई आतंकी घटनाओं में शामिल था और वर्ष 1999 में हुए IC-814 विमान अपहरण कांड में भी वांछित था.
4. खालिद उर्फ अबु आकाशा (लश्कर-ए-तैयबा)
यह आतंकी जम्मू-कश्मीर में कई हमलों में शामिल रह चुका था और अफगानिस्तान से हथियारों की तस्करी का बड़ा नेटवर्क चलाता था. उसका अंतिम संस्कार फैसलाबाद में हुआ, जिसमें पाक सेना के वरिष्ठ अधिकारी और डिप्टी कमिश्नर तक उपस्थित थे.
5. मोहम्मद हसन खान (जैश-ए-मोहम्मद)
यह मुफ्ती असगर खान कश्मीरी का बेटा था, जो पीओके में जैश का ऑपरेशनल कमांडर था. हसन जम्मू-कश्मीर में आतंकी हमलों के समन्वय में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता था.
इन आतंकियों को जिस प्रकार से राजकीय सम्मान और सैन्य उपस्थिति के साथ अंतिम विदाई दी गई, उससे यह स्पष्ट होता है कि पाकिस्तान की सेना और सरकार आतंकियों को न केवल संरक्षण देती है, बल्कि आंतरिक समर्थन भी प्रदान करती है. यह न केवल भारत के लिए बल्कि समूचे वैश्विक समुदाय के लिए चिंता का विषय है.