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लखनऊः मातृ दिवस पर बृज की रसोई का सेवा भावरू जरूरतमंदों को पौष्टिक भोजन वितरित कर मनाया गया मातृत्व का सम्मान


लखनऊ। इण्डियन हेल्पलाइन सोसाइटी द्वारा संचालित बृज की रसोई ने मातृ दिवस के पावन अवसर पर एक विशिष्ट सेवा कार्यक्रम का आयोजन कर सामाजिक उत्तरदायित्व का अनुकरणीय उदाहरण प्रस्तुत किया। राजधानी लखनऊ के आशियाना क्षेत्र में संपन्न इस कार्यक्रम के अंतर्गत लगभग 1200 जरूरतमंद व्यक्तियों को निरूशुल्क एवं पौष्टिक भोजन वितरित किया गया। विनोद मिश्रा ने कहा इस आयोजन का उद्देश्य मातृशक्ति के सम्मान के साथ-साथ समाज में पोषण के प्रति जागरूकता को प्रोत्साहित करना रहा।

कार्यक्रम का सफल नेतृत्व संस्था के संस्थापक विपिन शर्मा द्वारा किया गया। श्री शर्मा ने इस अवसर पर माताओं को नमन करते हुए राजमा, चावल और हलुए के रूप में संतुलित भोजन का वितरण कराया, जिससे मातृ दिवस को कर्म के माध्यम से सार्थक किया जा सके।

संस्था के मीडिया प्रभारी दीपक भुटियानी ने बताया कि इस आयोजन को एक दोहरे उद्देश्य से जोड़ा गयादृपहला, माताओं को सामाजिक सम्मान प्रदान करना, और दूसरा, गर्भवती महिलाओं सहित जरूरतमंदों को उचित पोषण उपलब्ध कराना। वहीं विकास पाण्डेय कहते है जिससे मातृ एवं शिशु मृत्यु दर को कम करने में सहायता मिल सके।

संजय श्रीवास्तव ने बताया कि इस अवसर पर अनेक स्वयंसेवकों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने सक्रिय सहभागिता निभाई। कार्यक्रम में विशेष रूप से दीपक भुटियानी, संजय श्रीवास्तव, अमित गुप्ता, आशीष श्रीवास्तव, विनोद मिश्रा, मुकेश कनौजिया, नबल सिंह, और अथर्व श्रीवास्तव उल्लेखनीय रूप से सक्रिय रहे।

अमित गुप्ता ने बताया कि इन सभी व्यक्तियों ने निःस्वार्थ सेवा भाव से कार्यक्रम की सफलता में महत्वपूर्ण योगदान दिया।

वहीं आशीष श्रीवास्तव ने बताया कि कार्यक्रम के समापन पर श्री विपिन शर्मा ने सभी सहयोगियों, स्वयंसेवकों एवं समाजसेवियों के प्रति कृतज्ञता ज्ञापित की और कहा किदृमातृ दिवस केवल एक औपचारिकता नहीं, बल्कि यह समाज के प्रति अपने कर्तव्यों के निर्वहन का माध्यम होना चाहिए।

कार्यक्रम में संस्था में आई श्रुति अवस्थी ने कहा कि सेवा, करुणा एवं सामूहिक सहयोग के माध्यम से ही एक संवेदनशील एवं समावेशी समाज की स्थापना संभव हो सकती है। इण्डियन हेल्पलाइन सोसाइटी, ने बृज की रसोई के माध्यम से समाज में पोषण संबंधी आवश्यकताओं की पूर्ति के साथ-साथ सेवा एवं सामाजिक उत्तरदायित्व के आदर्शों को भी सजीव रूप प्रदान कर रही है। यह आयोजन न केवल मातृत्व के सम्मान की अभिव्यक्ति रहा, बल्कि समाज के कमजोर वर्गों के प्रति दायित्वबोध और सक्रिय सेवा भावना का भी सशक्त उदाहरण बनकर सामने आया।

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