शाहबाद: जीजीआईसी में आयोजित समर कैंप में छात्रों को सिकाई गई सीपीआर विधि
May 25, 2025
शाहबाद। रविवार को जीजीआईसी में आयोजित समर कैंप के पांचवें दिन सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र शाहबाद की डॉक्टर वतन कौर द्वारा सीपीआर विधि और प्राथमिक उपचार में दी जाने वाली दवाओं के बारे में जानकारी दी।
छात्राओं को सीपीआर विधि के विषय में डेमो देकर हार्ट अटैक के दौरान प्राथमिक उपचार देकर मरीज की जान बचाने के बारे में बताया गया।
यह कार्यक्रम चिकित्सा अधीक्षक डॉ आर के चंदेल के आदेशानुसार राजकीय बालिका इंटर कॉलेज में चल रहे समर कैंप में आयोजित किया गया। कार्यक्रम के दौरान सीपीआर विधि के बारे में डॉक्टर ने बताया गया कि आपकी जागरूकता किसी की जान बचा सकती है। छात्राओं ने सीपीआर विधि की पूरी प्रक्रिया को सीखा। कार्यक्रम के दौरान जीजीआईसी प्रधानाचार्या वंदना शर्मा, डॉ वतन कौर शबनम जहां उस्मानी आदि रहे। चिकित्सा अधीक्षक डॉ चंदेल ने बताया कि सीपीआर यानी कार्डियोपल्मोनरी रिससिटेशन के तहत किसी व्यक्ति को अचानक सीने में दर्द की शिकायत के बाद सांस रुक जाने हार्ट अटैक आने पर प्रारंभिक तौर पर मुंह से मुंह में सांस या मरीज के सीने पर अपने हाथ की हथेली से दबाव देकर दोबारा सांस लौटने तक की प्रक्रिया को सीपीआर कहा जाता है। अगर यह प्रक्रिया ठीक से और समय से आजमाई जाए तो मरीज की जान बच सकती है।
क्या होती है सीपीआर विधि?-किसी व्यक्ति को अचानक सीने में तेज दर्द की शिकायत के बाद सांस लेने के दिक्कत होने या हार्ट अटैक आने पर प्राथमिक उपचार के रूप में सीपीआर (कार्डियोपल्मोनरी रिससिटेशन) का प्रयोग किया जाता है। यह एक आपातकालीन जीवनरक्षक प्रक्रिया है। इसमें मरीज के सीने पर दोनों हाथों को मिलाकर हाथ की हथेली से दबाव दिया जाता है। तथा मुंह से मुंह में सांस दी जाती है।
सीपीआर कैसे दिया जाता है?-सीपीआर में विधि का प्रयोग स्वास्थ्य सेवा से जुड़ा व्यक्ति या जानकारी प्राप्त व्यक्ति ही ठीक तरीके से दे सकता है। सीपीआर प्रक्रिया में छाती का संकुचन यानी छाती पर हाथ की हथेली से तेजी के साथ दबाव दिया जाता है वही मुंह से मुंह में सांस दी जाती है। इसमें वयस्क पीड़ितों में 100 से 120 प्रति मिनट की दर से छाती के संकुचन करना और वयस्क के लिए 2 इंच की गहराई तक करना उचित है।