Type Here to Get Search Results !
BREAKING NEWS

नेशनल हेराल्ड केस में राहुल और सोनिया की मुश्किलें बढ़ीं, नोटिस जारी


नेशनल हेराल्ड केस में कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी और राहुल गांधी की मुश्किलें बढ़ गई हैं। दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने ईडी की चार्जशीट पर संज्ञान लेते हुए दोनों के खिलाफ नोटिस जारी किया है। स्पेशल जज विशाल गोगने ने कहा कि चार्जशीट पर संज्ञान लेने के समय सोनिया गांधी और राहुल गांधी को अपना पक्ष रखने का अधिकार है। जज ने कहा, ‘‘किसी भी स्तर पर पक्ष रखने का अधिकार निष्पक्ष सुनवाई की जान है।’’ उन्होंने मामले की अगली सुनवाई आठ मई के लिए तय की।

हाल में इस मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने आरोपपत्र दाखिल किया था। 2021 में ईडी ने अपनी जांच शुरू की थी। इस मामले की शिकायत 26 जून 2014 को भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी द्वारा की गई थी। जिसके बाद एक मजिस्ट्रेट अदालत ने इस मामले पर संज्ञान लिया था।

ईडी ने कहा कि शिकायत में कई प्रमुख राजनीतिक हस्तियों द्वारा एक ‘‘आपराधिक साजिश’’ को उजागर किया गया है, जिसमें कांग्रेस नेता सोनिया गांधी, उनके सांसद पुत्र राहुल गांधी, कांग्रेस के दिवंगत नेता मोतीलाल वोरा और ऑस्कर फर्नांडीस के अलावा अन्य नेताओं और एक निजी कंपनी ‘यंग इंडियन’ शामिल हैं। इन सभी पर एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (एजेएल) से संबंधित 2,000 करोड़ रुपये से अधिक मूल्य की संपत्तियों का गलत तरह से अधिग्रहण कर मनी लॉन्ड्रिंग में शामिल होने का आरोप है। सोनिया और राहुल यंग इंडियन के शेयरधारक हैं और दोनों के पास 38-38 प्रतिशत शेयर हैं।

नेशनल हेराल्ड मामला मनी लॉन्ड्रिंग और वित्तीय अनियमितताओं से जुड़ा केस है। नेशनल हेराल्ड अखबार और उसकी मूल कंपनी एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (AJL) के इर्द-गिर्द है। नेशनल हेराल्ड अखबार की इसकी शुरुआत 1938 में पंडित जवाहरलाल नेहरू ने की थी जो स्वतंत्रता संग्राम में कांग्रेस का मुखपत्र था। यह अखबार AJL द्वारा प्रकाशित होता था। यह कंपनी हिंदी में नवजीवन और उर्दू में कौमी आवाज भी छापती थी।

2008 तक AJL घाटे में चली गई और उस पर 90 करोड़ रुपये का कर्ज था। 2010 में यंग इंडिया लिमिटेड (YIL) नामक कंपनी बनाई गई, जिसमें सोनिया गांधी और राहुल गांधी की 76% हिस्सेदारी थी (प्रत्येक के पास 38%)। शेष हिस्सेदारी मोतीलाल वोरा और ऑस्कर फर्नांडिस के पास थी। आरोप है कि कांग्रेस ने 90 करोड़ के कर्ज को मात्र 50 लाख रुपये में YIL को हस्तांतरित कर दिया, और YIL ने AJL की लगभग 2000 करोड़ रुपये की संपत्तियों (दिल्ली, लखनऊ, मुंबई आदि में प्राइम लोकेशन की जमीनें) का नियंत्रण हासिल कर लिया।

इस मामले में बीजेपी ने सुब्रमण्यम स्वामी ने दिल्ली की अदालत में शिकायत दर्ज की। सोनिया और राहुल गांधी पर धोखाधड़ी और संपत्ति हड़पने का आरोप लगाया गया। स्वामी का दावा था कि YIL ने AJL की संपत्तियों को "गलत तरीके" से हासिल किया, और शेयरधारकों को इसकी जानकारी नहीं दी गई। पूर्व कानून मंत्री शांति भूषण और जस्टिस मार्कंडेय काटजू जैसे शेयरधारकों ने भी आरोप लगाया कि उनके शेयर बिना सूचना के YIL को हस्तांतरित किए गए।

2014 में ED ने मनी लॉन्ड्रिंग के एंगल से इस मामले की जांच शुरू की। ED का आरोप है कि AJL की संपत्तियों का व्यावसायिक उपयोग (जैसे दिल्ली के हेराल्ड हाउस में पासपोर्ट कार्यालय को किराए पर देना) गैर-कानूनी था, क्योंकि AJL को गैर-लाभकारी कंपनी के तौर पर कर छूट मिली थी। 2023 में ED ने AJL और YIL की 751 करोड़ रुपये की संपत्तियों को कुर्क किया, जिसमें दिल्ली, लखनऊ और मुंबई की प्रॉपर्टी शामिल हैं। अप्रैल 2025 में ED ने सोनिया गांधी, राहुल गांधी और सैम पित्रोदा के खिलाफ राउज एवेन्यू कोर्ट में मनी लॉन्ड्रिंग के तहत चार्जशीट दाखिल की।

Post a Comment

0 Comments
* Please Don't Spam Here. All the Comments are Reviewed by Admin.

Top Post Ad

Design by - Blogger Templates |