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मशहूर स्टेज आर्टिस्ट एक्टर जीवी बाबू का निधन


एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री से दुखद खबर मिली है। तेलुगु रंगमंच और साउथ सिनेमा के दिग्गज अभिनेता जीवी बाबू का 25 मई, 2025 को वारंगल में इलाज के दौरान निधन हो गया। वे कुछ समय से उम्र से जुड़ी स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रहे थे। जीवी बाबू ने अपने करियर की शुरुआत थिएटर आर्टिस्ट के तौर पर की थी और तेलुगू फिल्मों में भी अपने काम से खूब नाम कमाया। उनके निधन की खबर की पुष्टि 'बालागम' के निर्देशक वेणु येलदंडी ने की, जिन्होंने सोशल मीडिया पर उन्हें श्रद्धांजलि दी। जीवी बाबू को उनकी फिल्म 'बालागम' के लिए जाना जाता था, जिसमें सारंगपाणि जातकम्, प्रियदर्शी पुलिकोंडा, सैयुलू, काव्य कल्याणराम, संध्या, केथिरी सुधाकर रेड्डी, कोमरय्या, कोटा जयराम, अइलैया, कोम्मु सुजाता, स्वरूपा, मुरलीधर इरेनी, नारायण और रूपालक्ष्मी थे।

बाबू के बारे में बात करते हुए, वेणु ने एक्स पर लिखा, 'जी.वी. बाबू अब नहीं रहे। उन्होंने अपना पूरा जीवन थिएटर में बिताया। आखिरी दिनों में, मुझे बालागम के माध्यम से उन्हें पेश करने का सौभाग्य मिला। उनकी आत्मा को शांति मिले।' अब एक्टर के निधन की खबर से उनके फैंस हैरान हैं। साउथ इंडस्ट्री में भी मातम पसरा हुआ है। इंडस्ट्री के तमाम सितारे और उनके चाहने वाले जीवी बाबू को सोशल मीडिया पर श्रद्धांजलि दे रहे हैं।

बाबू को आखिरी बार 'बालागम' (2023) में देखा गया था, जो ग्रामीण तेलंगाना में सेट एक मार्मिक पारिवारिक ड्रामा है। येलदंडी के निर्देशन में बनी इस फिल्म में बाबू ने सहायक भूमिका निभाई थी, जिसने दर्शकों को खूब पसंद आई। कहानी गांव के एक बुजुर्ग कोमुरय्या की मौत के इर्द-गिर्द घूमती है, जिसकी मौत से लंबे समय से दबे हुए पारिवारिक तनाव सामने आते हैं। कहानी मार्मिक और तनावपूर्ण है, जिसमें कोमुरय्या का पोता सायलू वित्तीय लाभ के लिए स्थिति का फायदा उठाने की कोशिश करता है। गांव में होने वाली बदकिस्मती के लिए जल्द ही कोमुरय्या की अस्थिर भावना को दोषी ठहराया जाता है, जिसके कारण पंचायत हस्तक्षेप करती है और अंत में पारिवारिक सुलह होती है।

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