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प्रतापगढ़: खेती को केवल जीविका नहीं, बल्कि गौरव और नवाचार का साधन बनाएं-जिला कृषि अधिकारी


प्रतापगढ़। विकास खण्ड कुण्डा के ग्राम ऐमा अस्भौ में “विकसित कृषि संकल्प अभियान 2025“ के अंतर्गत एक विशेष कृषक संगोष्ठी एवं जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता जिला कृषि अधिकारी अशोक कुमार द्वारा की गई। जिला कृषि अधिकारी ने शुक्रवार को उपस्थित कृषकों को सम्बोधित करते हुये कहा कि आज हम एक ऐसे विषय पर चर्चा करने हेतु एकत्रित हुए हैं, जो न केवल वर्तमान की आवश्यकता है, बल्कि भविष्य की दिशा भी निर्धारित करेगा और वह है कृषि में नवाचार, अर्थात इनोवेशन इन एग्रीकल्चर। हम सभी जानते हैं कि भारत कृषि प्रधान देश है, परंतु जलवायु परिवर्तन, सीमित भूमि संसाधन, श्रम की कमी और बाजार की अनिश्चितता जैसी चुनौतियाँ आज हमारी कृषि को प्रभावित कर रही हैं। ऐसे समय में नवाचार ही वह शक्ति है, जो कृषि को फिर से लाभकारी, टिकाऊ और युवा पीढ़ी के लिए आकर्षक बना सकती है, जिनका लाभ उठाकर किसान न केवल अपनी आय दोगुनी कर सकते हैं, बल्कि कृषि को एक लाभकारी व्यवसाय में भी बदल सकते हैं। उन्होने कहा कि सभी इस अभियान में सक्रिय भागीदारी करें। आप सभी की सहभागिता ही इस अभियान की सफलता की कुंजी है। खेती को केवल जीविका नहीं, बल्कि गौरव और नवाचार का साधन बनाएं। कृषि अब केवल हल और बैलों की बात नहीं रही, यह अब डेटा, ड्रोन और डिजिटलीकरण की दिशा में बढ़ रही है। ।

इस अवसर पर कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक नवीन कुमार सिंह एवं फार्म मैनेजर प्रदीप कुमार सिंह ने किसानों को खरीफ फसलों के लिए आधुनिक कृषि तकनीकों, उन्नत बीजों, मृदा स्वास्थ्य प्रबंधन, जल संरक्षण तथा पशुपालन के बारे में महत्वपूर्ण जानकारियाँ दीं। उन्होंने जैविक खेती, फसल विविधिकरण तथा कृषि में यंत्रीकरण को अपनाने पर बल दिया। बीज गोदाम प्रभारी कुमार गौरव ने किसानों को भूमि एवं बीज शोधन के साथ सरकार द्वारा संचालित योजनाओं जैसे एग्री स्टैक, प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि, पीएम फसल बीमा योजना एवं किसान क्रेडिट कार्ड योजना की जानकारी दी और उसका लाभ उठाने का आह्वान किया। कार्यक्रम में उपस्थित ग्राम प्रधान ने भी अपने विचार व्यक्त किए और किसानों से अधिक उत्पादक एवं टिकाऊ कृषि पद्धतियों को अपनाने की अपील की। कृषक प्रतिनिधियों कुमार गुप्ता, राम जयसवाल एवं राम खिलावन इत्यादि ने भी कार्यक्रम में भाग लिया और वैज्ञानिकों, अधिकारियों से संवाद कर अपनी समस्याएं साझा कीं। यह अभियान 29 मई से 12 जून तक जनपद के अन्य ग्रामों में भी आयोजित किया जाएगा, जिससे अधिक से अधिक कृषकों को कृषि विज्ञान केंद्र, विश्विद्यालय एवं अन्य संस्थानों द्वारा किए जा रहे शोध, तकनीकी नवाचार का लाभ मिल सके।

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