लिवर के लिए बहुत जरूरी है ओमेगा-3 फैटी एसिड, फैटी लिवर से लेकर इन समस्याओं को करता है दूर
May 11, 2025
शरीर को स्वस्थ रखने के लिए लीवर को सबसे ज्यादा मेहनत करनी पड़ती है। लिवर बॉडी से हानिकारक पदार्थों को डिटॉक्स करने, मेटाबॉलिज्म को रेगुलेट करने और पाचन में सहायता करने के लिए जिम्मेदार है। लेकिन लिवर को भी स्वस्थ रखने के लिए कुछ चीजों की जरूरत होती है। इन्हीं में से एक है ओमेगा-3 फैटी एसिड, जो आपके लीवर को स्वस्थ रखने और उसके बेहतरीन कामकाज के लिए जरूरी हैं। ओमेगा-3 फैटी एसिड मछली, नट्स और कई प्लांट बेस्ड ऑयल में पाया जाता है। ओमेगा-3 लीवर के लिए पॉवरफुल एंटी-इंफ्लेमेटरी और सुरक्षात्मक लाभ पुहंचाता है। इससे न सिर्फ लिवर में होने वाली बीमारियों को कम किया जा सकता है बल्कि डैमेज हो रहे लिवर की सेहत में भी सुधार आता है। जानिए लिवर के लिए ओमेगा-3 फैटी एसिड क्यों जरूरी है।
ओमेगा-3 फैटी एसिड, खास तौर पर EPA (इकोसापेंटेनोइक एसिड) और DHA (डोकोसाहेक्सैनोइक एसिड) हार्ट और दिमाग के लिए बहुत फायदेमंद हैं। हालांकि ये लिवर को हेल्दी रखने में भी असरदार साबित होते हैं।
लिवर में सूजन होगी कम- क्रोनिक सूजन, नॉन-अल्कोहल फैटी लिवर और सिरोसिस जैसी लिवर से जुड़ी मुख्य बीमारियां हैं। ओमेगा-3 फैटी एसिड प्रो-इंफ्लेमेटरी पदार्थों के प्रोडक्शन को कम करता है और ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस को कम करता है।
फैटी लिवर में फायदेमंद- फैली लिवर की बीमारी तेजी से बढ़ रही है। खराब लाइफस्टाइल इसका बड़ा कारण है। कई रिसर्च में पता चला है कि ओमेगा-3 फैटी एसिड मेटाबॉलिज्म में सुधार लाता है। जिससे लीवर की सेल्स में जमा अतिरिक्त फैट कम होता है। इससे फैटी लीवर होने का खतरा कम होता है। कई बार शुरुआती स्टेज पर ये इसे ठीक भी कर सकती है।
शरीर के डिटॉक्स प्रोसेस में सुधार- लिवर शरीर में डिटॉक्स सेंटर की तरह काम करता है। जो टॉक्सिन्स और हानिकारक पदार्थों को बाहर निकालने का काम करता है। ओमेगा-3 लिवर फंक्शन में सुधार लाने के लिए सेस्स को मजबूत बनाता है जिससे लुवर अपने काम को बेहतर तरीक से कर पाए।
लिवर को रिपेयर करता है- ओमेगा-3 फैटी एसिड लिवर को रिपेयर करने का काम करता है। वैसे तो लिवर में खुद से रिपेयर होने की क्षमता होती है लेकिन ओमेगा-3 कोशिकाओं की मरम्मत को बढ़ावा देता है। जिससे शरीर में लिवर में शराब और दूसरे स्ट्रेस से होने वाले डैमेज को कम किया जा सकता है।
ओमेगा-3 फैटी एसिड ट्राइग्लिसराइड्स को कम करने में मदद करता है। गुड कोलेस्ट्रॉल और बैड कोलेस्ट्रॉल के बीच बैलेंस बनाने में ओमेगा-3 मदद करता है। क्योंकि लिवर मेटाबॉलिज्म में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, इसलिए हेल्दी लिपिड स्तर बनाए रखने से स्ट्रेस लेवर कम करने के लिए ओमेगा-3 फैटी एसिड जरूरी है। इससे जटिलताओं से बचाव हो सकता है।